सतना: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में पहुंचकर संगम में स्नान कर पुण्य कमाकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु धार्मिक नगरी चित्रकूट और मैहर पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर चित्रकूट और मैहर में प्रशासन ने व्यापक स्तर पर इंतजाम किए हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही उनके खाने और पीने के इंतजाम प्रशासन के अलावा कई साजाजिक संगठन कर रहे हैं. मौनी अमावस्या से लेकर आज तक मैहर और चित्रकूट में लाखों श्रद्धालु आ चुके हैं.
प्रयागराज मार्ग पर चित्रकूट होने से श्रद्धालु उमड़े
प्रयागराज महाकुंभ का असर अब सतना जिले की धार्मिक नगरी भगवान श्री राम की तपोभूमि चित्रकूट में दिखाई दे रहा है. चूंकि चित्रकूट का रास्ता प्रयागराज से लगा हुआ है, ऐसे में यहां पर महाकुंभ से लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ लाखों की संख्या में पहुंच रही है. यहां पर श्रद्धालु मां मंदाकिनी नदी में स्नान कर चौरासी कोसीय परिक्रमा पूरी कर भगवान कामतानाथ की पूजा अर्चना कर रहे हैं. चित्रकूट में सती अनुसुइया, स्फटिक शिला, हनुमान धारा, रामघाट, सरयू नदी आदि स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. प्रशासन अलर्ट मोड पर है.
मैहर में बीते 4 दिन में 8 लाख भक्त पहुंचे
वहीं, देशभर में 52 शक्ति पीठों में एक शक्ति पीठ मैहर मां शारदा देवी के दर्शन करने भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. यहां पर भी महाकुंभ का असर देखने को मिल रहा है. प्रशासन के अनुसार विगत 4 दिन में 8 लाख से अधिक श्रद्धालु मां शारदा देवी के दर्शन के लिए पहुंचे. मैहर जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सुगम यातायात, भोजन-पानी, मेडिकल की व्यवस्था की है. मैहर में त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मां शारदा देवी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए रोपवे, सड़क मार्ग से वैन सुविधा है. सीढ़ियों से भी भक्त पहुंच रहे हैं.
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सामाजिक संगठनों ने की श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं
मैहर पहुंची श्रद्धालु भूमिका तावड़े, लता गांधी ने बताया "भीड़ तो बहुत है लेकिन व्यवस्थाएं भी दुरुस्त हैं. अच्छी तरह से मां शारदा के दर्शन हुए हैं." वहीं, मैहर एसडीएम विकास सिंह ने बताया "भीड़ बहुत बढ़ गई है. लेकिन व्यवस्थाएं भी प्रशासन ने दुरुस्त कर रखी हैं. वीआईपी दर्शन पर रोक है. किसी श्रद्धालु को कोई भी परेशानी नहीं हो रही है. श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पेयजल की व्यवस्थाएं प्रशासन के साथ ही कई सामाजिक संगठन कर रहे हैं."