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जबलपुर का 'नटवरलाल'! बैंक कर्मियों से मिलीभगत कर किसानों के नाम लिया 3 करोड़ कर्ज - JABALPUR FRAUD WITH FARMERS

जबलपुर में एक व्यक्ति ने किसानों के नाम से निजी बैंक में फर्जी खाते खोलकर 3 करोड़ हड़प लिए. जानिए कैसे लगाया करोड़ों का चूना.

Jabalpur fraud with farmers
किसानों के नाम से निजी बैंक में फर्जी खाते खोलकर ठगी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 27, 2024, 11:36 AM IST

जबलपुर :जबलपुर जिले के पनागर क्षेत्र में राजेश राजपूत मामूली किसान हैं. इनके पास थोड़ी सी जमीन है. इसी पर खेती करके किसी प्रकार गुजारा करते हैं. इस किसान को पनागर की एक निजी बैंक ने नोटिस दिया. इसमें कहा गया कि उनके नाम पर बैंक में 30 लाख रुपए का कर्ज है. नोटिस देखकर किसान राजेश राजपूत के होश उड़ गए और भी दौड़े-दौड़े बैंक पहुंचे. किसान को बैंक वालों ने बताया "आपने वेयरहाउस में 2200 कट्टी गेहूं और धान स्टॉक की है. इसी के एवज में यह 30 लाख रुपए की कर्ज की राशि बैंक से निकली."

किसानों को झांसे में लेकर बैंक खाते खुलवाये

बैंक कर्मियों की बात सुनकर किसान को याद आया कि कुछ दिन पहले पास के ही गांव के रहने वाले धर्मेंद्र पटेल उससे मिला था. धर्मेंद्र पटेल ने उनसे कहा था "वह तुम्हारे नाम से बैंक से 30 लाख रुपए की राशि निकालना चाहते हैं. इसके एवज में तुम्हारी बैंक में अच्छी क्रेडिट बन जाएगी. बाद में बैंक आपको लोन दे देगी." किसान राजेश राजपूत धर्मेंद्र की बातों में आ गया और उसने फोटो खिंचवा ली और बैंक में खाता भी खुलवा लिया.

जबलपुर एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा (ETV BHARAT)

आरोपी ने 12 लोगों के साथ किया फर्जीवाड़ा

किसान से धर्मेंद्र ने कहा था कि यह पैसे वह निकलेगा जरूर लेकिन समय पर उसे वापस कर देगा. राजेश राजपूत को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसके साथ धोखा होगा. जब किसान राजेश राजपूत को बैंक से किस्त भरने का नोटिस आया, तब पता लगा कि धर्मेंद्र ने उनके खाते से 30 लाख रुपया निकल लिए हैं. अब यह पैसा बैंक राजेश राजपूत से मांग रहा है. खास बात ये है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी केवल किसान राजेश राजपूत के साथ नहीं हुई, बल्कि ऐसे लगभग 12 लोग हैं, जिन्हें धर्मेंद्र पटेल ने ठगा है. इस प्रकार ठग ने बैंक से लगभग 3 करोड़ रुपये निकाले.

फर्जीवाड़े में निजी बैंक के कर्मी भी शामिल

इस मामले में एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया "केवल किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं हुई. इसमें बैंक वाले भी शामिल हैं. क्योंकि बैंक ने इतनी बड़ी राशि बिना खातेदार की मर्जी के किसी तीसरे आदमी को कैसे निकालकर दे दी. धर्मेंद्र पटेल का प्लान बिल्कुल स्पष्ट था. उसने सबसे पहले एक वेयरहाउस किराए से लिया. उसमें कुछ पैसे लगाकर अनाज का स्टॉक किया. अनाज के नाम पर बैंक से कर्ज लिया. जिस वेयरहाउस में धान और गेहूं रखे होने की बात कही गई थी, वहां बैंक को अब कुछ भी नहीं मिला. वह माल भी धर्मेंद्र पटेल ने बेच दिया. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को तलाशा जा रहा है."

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