जबलपुर : यहां लोग गुड़ की जलेबी को मिठाई के साथ दवाई के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं क्योंकि इसके जरिए शरीर में गुड़ पहुंचता है और गुड़ मीठे के साथ-साथ दवा का काम भी करता है. गर्मी के मौसम में सामान्य तौर पर गुड़ की जलेबी नहीं खाई जाती. इसलिए ठंड के मौसम में महाकौशल और बुंदेलखंड के लोगों को गुड़ की जलेबी का इंतजार रहता है. जबलपुर के लोग भी इस खास मिठाई के काफी शौकीन हैं.
ठंड का मौसम और गुड़ की जलेबी
ठंड का मौसम जैसे ही शुरू होता है, वैसे ही गन्ना पकना शुरू हो जाता है और गन्ने से किसान गुड़ बनाने लगते हैं. इसके बाद शुरू होता है गुड से बनी मिठाइयों का दौर. बुंदेलखंड और महाकौशल क्षेत्र की मिठाई के शौकीन लोग ठंड में गुड़ की जलेबी जरूर खाते हैं.
मौसम के साथ बदलता है स्वाद
मौसम परिवर्तन का असर केवल पेड़ पौधों पर नहीं पड़ता बल्कि इसका असर हमारे स्वाद और भोजन रुचि पर भी पड़ती है. इस मामले में भारत दुनिया के कुछ ऐसे देश में शुमार है जिसमें ठंड, गर्मी और बरसात तीनों मौसम आते हैं. इसलिए हर दो-तीन महीनों में स्वाद में भी परिवर्तन हो जाता है. इसलिए भारतीय संस्कृति में मौसम के हिसाब से स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं. बुंदेलखंड इलाके की गुड़ की जलेबी इसी तरह का एक पकवान है.