विधानसभा में गूंजा रोहिंग्याओं को पट्टा जारी करने का मुद्दा जयपुर.राजस्थान की 16वीं विधानसभा सत्र में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान अलवर के पर्यटक स्थलों के विकास कार्यों के साथ शहर की सफाई व्यवस्था और चितौड़गढ़ में रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को पट्टा देने का मुद्दा उठा. सवाल के जवाब में पर्यटन मंत्री व डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल में सिर्फ गंदगी जमा हुई है. ऐसे में अब हमारी सरकार उसे साफ करने में जुट गई. इसी तरह से रोहिंग्याओं के सवाल पर मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि पट्टों की जांच होगी, जो भी गैरभारतीय होगा, उसका पट्टा निरस्त कर कानूनन कार्रवाई करेंगें.
पांच साल की गंदगी की सफाई होगी :विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जुबेर खान ने सवाल लगाया कि जिला अलवर में स्थित पर्यटन स्थलों का विवरण सदन की मेज पर रखें. साथ ही दूसरा सवाल लगाया कि सरकार इन पर्यटन स्थलों के विकास के लिए कोई योजना बनाने का विचार रखती है? यदि हां, तो कब तक व नहीं, तो क्यों?. सवाल का जवाब देते हुए मंत्री और डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने कहा कि यह सही है कि अलवर में जो पर्यटक स्थल हैं, उनका संरक्षण करना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार उन सब का संरक्षण करेगी, जो भी कमियां हैं उन्हें ठीक किया जाएगा.
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इसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उन्होंने कहा कि अलवर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. ऐसे में पर्यटकों को हम क्या संदेश देंगे? इसके जवाब में दीया कुमारी ने कहा कि 5 साल में काफी गंदगी जमा हो गई है, उसे खत्म हमारी सरकार करेगी, हम उसे जल्द खत्म कर देंगे. इसके बाद जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 10 साल से स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, क्या अलवर जिला इस अभियान से बाहर है.
गैर भारतीय को पट्टा जारी हुआ है तो कार्रवाई करेंगेः निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने चित्तौड़ की कच्ची बस्ती में पट्टे जारी करने को लेकर सवाल पूछा. आक्या ने कहा कि पिछली सरकार में दूसरी विचारधारा के लोगों ने बांग्लादेश और रोहिंग्या को पट्टे जारी कर दिए, जबकि जो हमारी विचारधारा के लोग थे, उन्हें पट्टे जारी नहीं किए गए. इस पर विपक्ष ने कहा कि आप तो खुद निर्दलीय हैं, आपकी कौन सी विचारधारा?
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इस पर आक्या ने कहा कि "निर्दलीय की विचारधारा होती है. इसलिए 100000 वोट से जीतकर आया हूं." इस पर मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि यह सही है कि चित्तौड़ शहर में 1999 से पहले की 20 कच्ची बस्तियां हैं, इनमें 3380 परिवार में 13516 लोग निवास करते हैं. इनमें 2430 परिवारों को पट्टे जारी पूर्व में कर दिए गए हैं. इस पर आक्या ने कहा कि जो भी पट्टे जारी हुए हैं, पूर्ववर्ती सरकार के वक्त वह सब बांग्लादेशी और रोहिंग्या है, उन्होंने अपनी विचारधारा के लोगों को पट्टे जारी किए. इस पर झाबर सिंह कहा कि "मुझे किसी विचारधारा से मतलब नहीं है, हम सिर्फ यह मानते हैं कि किसी भी गैर भारतीय को अगर पट्टा जारी किया है तो वह गैरकानूनी है. जो भी पट्टे जारी हुए हैं उन सब पट्टो की जांच होगी, बांग्लादेशी और रोहिंग्या को अगर पट्टे जारी किए गए तो उनके पट्टे निरस्त किए जाएंगे और उनकी जांच करके कानूनी कार्रवाई की जाएगी."