वाराणसी: राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा मंगलवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में मंडल की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान उन्होंने सभी से बच्चों के मुद्दे पर संवेदनशील होने की अपेक्षा की. उन्होंने समाज में फैली कुप्रथाओं नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल भिक्षाटन, बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर लगातार कार्य करने की जरूरत बताया. डा. देवेंद्र शर्मा ने कहा कि पूर्व में जारी गाइड लाइन के अनुसार विद्यालय के 100 मीटर के दायरे में पान, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि की कोई दुकानें नहीं होनी चाहिए. इस दिशा में सख्ती से कार्रवाई की जाये.
स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में नहीं बिकना चाहिए नशे का सामान, राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष का निर्देश - VARANASI NEWS
वाराणसी पहुंचे राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने अधिकारियों के साथ बैठक कर बच्चों के प्रति संवेदनशील रहने की अपील की. इसके साथ कई दिशा निर्देश दिया था.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Jul 16, 2024, 10:45 PM IST
डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि नशे से मुक्त रखने के लिए तत्काल प्रहरी क्लब की स्थापना कर पूर्व में इसके लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करना सुनिश्चित किया जाये. बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के माध्यम से जागरूक किया जाए. सार्थक प्रयास कर बाल विवाह को हर हालत में समाज से खत्म किया जाये. उन्होंने जिला, ब्लॉक, ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समिति की नियमित बैठकें कराये जाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि 2025 तक बाल विवाह को खत्म करने का लक्ष्य भी निर्धारित है.
बच्चों को साइबर क्राइम तथा मोबाइल की लत से दूर रखने के लिए कार्यशाला आयोजित करने को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली पर पोस्टर के माध्यम से हमारा संकल्प होगा कि एक युद्ध नशे के विरुद्ध देश को नशामुक्त बनाना है. उन्होंने मन्दिर-मठों के पास तिलक लगाने वाले बच्चों को चेक करते हुए उनको शिक्षा की तरफ मोड़ने तथा उनके बारे में भी व्यक्तिगत जानकारियां हासिल की जाये.
उन्होंने कहा कि 21 वर्ष से कम आयुवर्ग वालों को शराब विक्रय न की जाये. बाल तस्करी पर हर हाल में रोक लगाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों को नशे की लत से दूर रखने के लिए सभी मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को एच-1 मॉडल की दवाइयां किसी भी दशा में नहीं दी जायेगी. सभी मेडिकल स्टोर्स पर सीसीटीवी भी लगवाया जाये.