इंदौर:मध्य प्रदेश सरकार पर भारी भरकम कर्ज के बाद राज्य सरकार ने बकाया कर्ज को लोक कल्याण का जरूरी प्रयास बताया है. शनिवार को पंचायत एवं विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा, ''राज्य सरकार ने जो भी कर्ज लिया है वह केंद्र सरकार के मापदंडों के अधीन है, जिसमें कोई ओवरड्यू नहीं है. जहां तक कर्ज का सवाल है तो लोक कल्याण के लिए विशेष प्रयास करने पड़ते हैं, जो सरकार कर रही है.''
मंत्रियों और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं
प्रहलाद पटेल ने कहा, ''खर्च के मामले में राज्य के मंत्रियों और मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है. कैबिनेट की बैठकों में भी सिर्फ वित्तीय अनुशासन के अनुसार ही औपचारिक चर्चा होती है जो जरूरी है.'' दरअसल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री राज्य सरकार की 1 वर्ष की उपलब्धियां बताने इंदौर पहुंचे थे. जहां उन्होंने भाजपा कार्यालय में चर्चा के दौरान यह सारी बातें कहीं.
प्रहलाद पटेल ने बताया मोहन सरकार ने क्यों लिया कर्ज (ETV Bharat) 'कर्ज को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा'
प्रहलाद पटेल ने कहा, ''राज्य सरकार पर 3,75,000 करोड़ रुपए के कर्ज की बात महज भ्रम है, जो बार-बार फैलाया जाता है. जो भी कर्ज लिया गया है वह केंद्र सरकार के मापदंडों के अधीन है और इसे लेकर राज्य सरकार ओवरड्यू की स्थिति में भी नहीं है. जहां तक लोन लेकर खर्च करने का सवाल है तो वह लोक कल्याण के लिए किए जाने वाले अतिरिक्त प्रयास हैं जो सरकार कर रही है.''
'CM को आपत्ति नहीं तो किसी और को क्यूं'
उन्होंने कैबिनेट बैठक में उज्जैन की सड़क पर खर्च होने वाली राशि पर कैलाश विजयवर्गीय की आपत्ति के सवाल पर कहा, ''कैबिनेट की बैठक के दौरान वित्तीय अनुशासन के तहत मुख्यमंत्री और मंत्रियों की चर्चा सामान्य बात है. क्योंकि यह भाजपा की कैबिनेट है, जहां मंत्रियों द्वारा किसी प्रस्ताव पर सीधे अंगूठा लगाने का काम नहीं होता.'' उन्होंने कहा, ''विजयवर्गीय ही नहीं मैं भी इस मामले में पूछता हूं. क्योंकि इस बात पर जब मुख्यमंत्री को कोई आपत्ति नहीं है तो किसी और को आपत्ति क्यों होना चाहिए.''
प्रदेश में बनेंगे 2400 पंचायत भवन
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया, ''25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जन्मशती के अवसर पर पहले चरण में करीब 1200 पंचायत भवनों का भूमिपूजन होगा. इतने ही पंचायत भवन अगले चरण में बनाए जाएंगे. पंचायत भवनों के निर्माण के लिए सीधे राशि सरपंचों को ट्रांसफर की गई है. इतना ही नहीं अब एक मंजिला के स्थान पर दो मंजिला पंचायत भवन बनाया जा सकेंगे, जिनके अटल बिहारी के नाम पर नामकरण के लिए भी प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है.''
दिल्ली के किसान आंदोलन में असली किसान नहीं
दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन के सवाल पर मंत्री पटेल ने कहा, ''दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ किसान नहीं हैं, यह बात पंजाब और हरियाणा में भी स्पष्ट हो चुकी है. इस मामले में सरकार के स्तर पर कई बार चर्चा हो चुकी है और किसानों के लिए सरकार मदद के नाम पर पहले से ही कटिबद्ध है.''