मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

स्मार्ट सिटी के लिए पेड़ों की 'बलि', काटे जाएंगे 2000 से ज्यादा पेड़, जनहित पार्टी ने खोला मोर्चा - Indore MOG line tree cutting issue

इंदौर शहर में स्मार्ट सिटी अभियान के तहत हो रहे कार्यों के चलते एमओजी लाइन में पेड़ों की कटाई की जानी है. इन्हीं पेड़ों को बचाने के लिए जनहित पार्टी ने शहर में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की है. जनहित पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि अगर इस मामले में जरूरत हुई तो कोर्ट जाएंगे.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 3, 2024, 5:24 PM IST

INDORE MOG LINE TREE CUTTING ISSUE
जनहित पार्टी के अध्यक्ष अभय जैन नारेबाजी करते हुए (Etv Bharat)

इंदौर। मध्य प्रदेश सहित देश के कई प्रदेशों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. इस मार से एमपी का इंदौर भी नहीं बच पाया है. इसी गर्मी को कम करने के लिए शहर में अलग-अलग संस्थाएं पौधारोपण को लेकर अभियान चला रही हैं. साथ ही इंदौर में आने वाले दिनों में 51 लाख पौधारोपण करने की बात मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के द्वारा की जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर जनहित पार्टी के द्वारा पेड़ों को काटने से बचाने को लेकर एक अभियान की शुरुआत की गई है.

स्मार्ट सिटी के लिए पेड़ों की 'बली', काटे जाएंगे 2000 से ज्यादा पेड़ (Etv Bharat)

जनहित पार्टी ने चलाया हस्ताक्षर अभियान

इंदौर के एम ओ जी लाइन में स्मार्ट सिटी के तहत विभिन्न तरह के निर्माण कार्य हो रहे हैं, जिन जगहों पर निर्माण कार्य होना है, वहां 2000 से अधिक पेड़ लगे हुए हैं जिन्हें काटकर वहां पर अलग-अलग तरह के काम किए जाएंगे. इन्हीं पेड़ों को कटने से बचाने के लिए ही जनहित पार्टी ने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की है. साथ ही उन सभी पेड़ों की जानकारी भी जनहित पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा इकट्ठा कर ली गई है. यदि स्मार्ट सिटी के तहत इन पेड़ों का रखरखाव नहीं किया जाता और इन्हें काटा जाता है तो जनहित पार्टी के द्वारा कोर्ट में भी इस पूरे मामले को ले जाने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें:

क्लीन सिटी से ग्रीन सिटी तक, इंदौर में आएगी हरित क्रांति, 4 घंटे में लगाए जाएंगे 51 लाख पेड़

धूप और बारिश से बचाएगा ये स्पेशल छाता, अब आपको अलग से ढोने की जरूरत नहीं

जनहित पार्टी के अध्यक्ष अभय जैन ने कहा कि ''हमको पता लगा है कि यहां पेंड़ कटे हैं आगे और काटे जाने हैं. तब हमने पेड़ व हरियाली बचाने के लिए आंदोलन शुरू किया है. अपनी मांगों को लेकर हमने हस्ताक्षर अभियान चलाया है. हमने मांग की है कि पेड़ों को न काटा जाए और इस क्षेत्र को धरोहर क्षेत्र घोषित किया जाए. यहां के रहवासी जो हैं वह सैनिक परिवार हैं. ये सभी होलकर महारानी के रक्षक थे. उनको यहां से विस्थापित नहीं किया जाए. उनको यहीं बसाया जाए. इस मामले में हमें अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे. यहां पर दो हजार से ज्यादा पेड़ हैं.''

ABOUT THE AUTHOR

...view details