जयपुर. राजधानी जयपुर में ज्वेलर्स ग्रुप पर आयकर विभाग की छापेमार करवाई जारी है. ज्वेलर्स ग्रुप के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई के दौरान काले कारोबार का खुलासा हो रहा है. ज्वेलर्स ग्रुप के ठिकानों से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई है. वहीं, कई बड़े सबूत भी मिलने की बात सामने आ रही है. साथ ही आभूषण और डिजिटल उपकरण भी बरामद हुए हैं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है.
बता दें कि मंगलवार अल सुबह से ही जयपुर स्थित 13 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई की जा रही है. वहीं, कोलकाता में 4 ठिकाने और दिल्ली में 3 ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है. ज्वेलर्स ग्रुप के सहयोगी समूह पर भी सर्च और जब्ती की कार्रवाई जारी है. सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई के दौरान ज्वेलर्स ग्रुप के ठिकानों पर अवैध हस्तांतरण और सट्टेबाजी से संबंधित लेनदेन, कंपनियों में पेश की गई फर्जी शेयर पूंजी, प्लॉटों की बिक्री में अर्जित बेहिसाब नकदी के सबूत पाए गए हैं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है. वहीं, लॉकर्स को भी खंगाला जा रहा है.
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ज्वेलर्स ग्रुप के जयपुर, कोलकाता और दिल्ली समेत 20 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमार कार्रवाई जारी है. छापेमार कार्रवाई के दौरान ज्वेलर्स के ठिकानों पर सोने चांदी के भंडार मिले हैं. बड़ी मात्रा में अवैध ज्वेलरी और कैश के लेनदेन के दस्तावेज बरामद किए गए हैं. कच्ची पर्चियां में करोड़ों रुपए के कारोबार का हिसाब मिला है. मोबाइल व्हाट्सएप चैट पर बड़े कारोबार के सबूत मिले हैं. भारी मात्रा में शोरूम और घर पर अवैध ज्वेलरी का स्टॉक भी बरामद हुआ है. ज्वेलरी की जांच के लिए कई मशीन और एक्सपर्ट्स को बुलाया गया है. ज्वेलरी की वैल्यूएशन में अभी समय लग सकता है. हवाला कारोबार के भी दस्तावेज मिले हैं. बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और अन्य उपकरण बरामद हुए हैं.
ग्रुप की कई कंपनियां निकली फर्जीं : ज्वेलर्स ग्रुप की कई कंपनियां फर्जी निकली हैं. कोलकाता में कई फर्जी कंपनियों के नाम पर ग्रुप के काले कारोबार का खुलासा हुआ है. आयकर इन्वेस्टिगेशन की टीम ग्रुप की कंपनियों के ठिकानों पर पहुंची, तो ग्रुप की ओर से दर्शी गई अधिकांश कंपनियां फर्जी पाई गईं. कोलकाता की कंपनियों पर कोई भी कारोबार नहीं मिला. कंपनी कोलकाता में अपने चार ऑफिस बता रखी थी. उनसे कोई काम नहीं होता है. जब टीम मौके पर पहुंची, तो कुछ मजदूर, सुरक्षाकर्मी और दीवारों पर ज्वेलर्स ग्रुप के बोर्ड लगे हुए मिले. मजदूरों से पूछताछ की गई तो सामने आया कि यहां पर कोई गोल्ड का कारोबार नहीं होता है.
कंपनियों के दिए गए पते पर सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ की गई तो सामने आया कि कंपनियां का संचालन नहीं हो रहा. जयपुर से खाली कार्टून कोलकाता भिजवाए जाते थे. ग्रुप इन कंपनियों से हर साल करोड़ों का कारोबार दर्शाता था. फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए की ब्लैक मनी का खेल उजागर हुआ है. आयकर अधिकारी ने सुरक्षा कर्मियों और अन्य लोगो के बयान लिए हैं. ऐसे में ज्वेलर्स ग्रुप की मनी लांड्रिंग के मामले में मुश्किलें बढ़ सकती है.