ETV Bharat / state

पतंग उड़ाते वक्त बरती ये लापरवाही, तो लग सकता है 25000 वोल्ट का करंट - BE CAREFUL WHILE KITE FLYING

जयपुर मेट्रो प्रशासन ने अपील की है कि मेट्रो रेल लाइनों के आसपास पतंगबाजी ना करें. अन्यथा 25000 वोल्ट का करंट लग सकता है.

Be careful while kite flying
जयपुर मेट्रो की पतंगबाजों से अपील (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 12, 2025, 4:44 PM IST

जयपुर: जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने मेट्रो रेल लाइनों के आसपास पतंगबाजी नहीं करने की अपील की है. दरअसल, मेट्रो रेल के संचालन के दौरान मेट्रो लाइन के बिजली के तारों में 25000 वोल्ट का करंट रहता है और यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारों में उलझ जाए, तो पतंग उड़ाने वाले के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

14 जनवरी को मकर संक्रांति पर जयपुर में जमकर पतंगबाजी होती है. ये दौर मकर संक्रांति से पहले ही शुरू हो चुका है. ऐसे में खुशी और उत्साह का ये पर्व गमगीन ना हो जाए, इसे मद्देनजर रखते हुए जयपुर मेट्रो प्रशासन ने शहरवासियों से मानसरोवर से बड़ी चौपड़ तक संचालित होने वाले रेल मार्ग में आने वाले बिजली के तारों से दूर पतंगबाजी करने की अपील की है. जयपुर मेट्रो निदेशक अखिलेश सक्सेना ने बताया कि मेट्रो संचालन 25000 वोल्ट बिजली के तारों से किया जाता है. जिनमें लगातार 24 घंटे करंट चालू रहता है. ये बिजली के तार मेट्रो रूट पर सड़क से करीब 30 मीटर ऊंचाई तक हैं.

Be careful while kite flying
रेल लाइनों के आसपास ना करें पतंगबाजी (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: पतंगबाजी बनी पक्षियों के लिए घातक, आसमान का 'राजा' मांझे की चपेट में आकर हुआ जख्मी - Jaipur Kite Flying

उनका कहना है कि यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारों से उलझ जाए, तो करंट मांझे के जरिए पतंग उड़ाने वाले तक पहुंचने का खतरा रहता है. जो जानलेवा भी साबित हो सकता है. उन्होंने भारतीय रेल मेट्रो और बिजली कंपनियों के तारों में पतंगबाजी के कारण पूर्व में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए बताया कि बीते साल भी मकर संक्रांति के दौरान कई बार जयपुर मेट्रो ट्रेनों के संचालन में रुकावट आई थी. बिजली के तारों से करीब 5000 पतंग और बड़ी तादाद में मांझे को हटाने में मशक्कत करनी पड़ी थी. इसलिए उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मेट्रो रेल लाइनों के आसपास पतंगबाजी ना करें. इससे जयपुर मेट्रो का संचालन निर्बाध और सुचारू रूप से किया जा सकेगा और पर्व के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी या जनहानि से भी बचा जा सकेगा.

पढ़ें: पतंगबाजी के दौरान दुर्घटना में बच्चे की मौत, 2 दिन में 150 से ज्यादा लोग घायल - पतंगबाजी के दौरान दुर्घटना

उधर, ग्रेटर नगर निगम और हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर पतंग और मांझे से घायल पक्षियों की सहायता और उपचार के लिए स्वयं सहायता समूह की ओर से कैंप भी लगाए जा रहे हैं. जहां घायल पक्षियों की सूचना दी जा सकती है. उन्हें उपचार के लिए भी लाया जा सकता है. वहीं दोनों निगम की महापौर सौम्या गुर्जर और कुसुम यादव ने बैन चाइनीस मांझे को इस्तेमाल नहीं करने, सुबह 5:00 से 8:00 और शाम को 6:00 बजे बाद पतंग न उड़ाने की अपील भी की है.

जयपुर: जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने मेट्रो रेल लाइनों के आसपास पतंगबाजी नहीं करने की अपील की है. दरअसल, मेट्रो रेल के संचालन के दौरान मेट्रो लाइन के बिजली के तारों में 25000 वोल्ट का करंट रहता है और यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारों में उलझ जाए, तो पतंग उड़ाने वाले के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

14 जनवरी को मकर संक्रांति पर जयपुर में जमकर पतंगबाजी होती है. ये दौर मकर संक्रांति से पहले ही शुरू हो चुका है. ऐसे में खुशी और उत्साह का ये पर्व गमगीन ना हो जाए, इसे मद्देनजर रखते हुए जयपुर मेट्रो प्रशासन ने शहरवासियों से मानसरोवर से बड़ी चौपड़ तक संचालित होने वाले रेल मार्ग में आने वाले बिजली के तारों से दूर पतंगबाजी करने की अपील की है. जयपुर मेट्रो निदेशक अखिलेश सक्सेना ने बताया कि मेट्रो संचालन 25000 वोल्ट बिजली के तारों से किया जाता है. जिनमें लगातार 24 घंटे करंट चालू रहता है. ये बिजली के तार मेट्रो रूट पर सड़क से करीब 30 मीटर ऊंचाई तक हैं.

Be careful while kite flying
रेल लाइनों के आसपास ना करें पतंगबाजी (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: पतंगबाजी बनी पक्षियों के लिए घातक, आसमान का 'राजा' मांझे की चपेट में आकर हुआ जख्मी - Jaipur Kite Flying

उनका कहना है कि यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारों से उलझ जाए, तो करंट मांझे के जरिए पतंग उड़ाने वाले तक पहुंचने का खतरा रहता है. जो जानलेवा भी साबित हो सकता है. उन्होंने भारतीय रेल मेट्रो और बिजली कंपनियों के तारों में पतंगबाजी के कारण पूर्व में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए बताया कि बीते साल भी मकर संक्रांति के दौरान कई बार जयपुर मेट्रो ट्रेनों के संचालन में रुकावट आई थी. बिजली के तारों से करीब 5000 पतंग और बड़ी तादाद में मांझे को हटाने में मशक्कत करनी पड़ी थी. इसलिए उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मेट्रो रेल लाइनों के आसपास पतंगबाजी ना करें. इससे जयपुर मेट्रो का संचालन निर्बाध और सुचारू रूप से किया जा सकेगा और पर्व के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी या जनहानि से भी बचा जा सकेगा.

पढ़ें: पतंगबाजी के दौरान दुर्घटना में बच्चे की मौत, 2 दिन में 150 से ज्यादा लोग घायल - पतंगबाजी के दौरान दुर्घटना

उधर, ग्रेटर नगर निगम और हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर पतंग और मांझे से घायल पक्षियों की सहायता और उपचार के लिए स्वयं सहायता समूह की ओर से कैंप भी लगाए जा रहे हैं. जहां घायल पक्षियों की सूचना दी जा सकती है. उन्हें उपचार के लिए भी लाया जा सकता है. वहीं दोनों निगम की महापौर सौम्या गुर्जर और कुसुम यादव ने बैन चाइनीस मांझे को इस्तेमाल नहीं करने, सुबह 5:00 से 8:00 और शाम को 6:00 बजे बाद पतंग न उड़ाने की अपील भी की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.