शिमला:हिमाचल प्रदेश में सरकार कम छात्रों वाले स्कूल मर्ज कर रही है. इसे लेकर विधानसभा के मौजूदा मानसून सत्र में भी सवाल उठा, जिसपर सरकार की ओर से बताया गया कि कितने स्कूल मर्ज किए गए हैं और स्कूलों को किस आधार पर मर्ज किया गया है.
किसने किया था सवाल ?
दरअसल बुधवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन विपिन परमार की ओर से मर्ज स्कूलों को लेकर किए गए सवाल पर सरकार ने जवाब दिया. विपिन परमार की गैरमौजूदगी में सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल ने शिक्षा मंत्री से पूछा कि प्रदेश में क्या सरकार प्रदेश में कम छात्रों वाले स्कूलों को मर्ज कर रही है ? अगर ऐसा किया जा रहा है तो कितने प्राथमिक, माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों की संख्या कम होने का कारण भी सरकार से पूछा गया था.
शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब
शिक्षा मंत्री की ओर से बताया गया कि प्रदेश में कम छात्रों वाले स्कूल मर्ज किए जा रहे हैं और 17 अगस्त 2024 को इस संदर्भ में अधिसूचना भी जारी की गई थी. जिसके अंतर्गत कुल 419 स्कूलों को मर्ज किया गया है. इनमें से 361 राजकीय प्राथमिक और 58 माध्यमिक पाठशालाएं हैं. इस सूची में एक भी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नहीं है. शिक्षा मंत्री की ओर से इन सभी स्कूलों की सूची भी दी गई है.
किस जिले में कितने स्कूल हुए बंद ?
शिक्षा मंत्री के मुताबिक हिमाचल में कुल 419 स्कूल मर्ज हुए हैं और इनमें से 361 राजकीय प्राथमिक पाठशालाएं हैं. सबसे ज्यादा कांगड़ा जिले में 71 प्राथमिक स्कूल मर्ज किए गए हैं. जबकि मंडी में 64, शिमला में 61, बिलासपुर में 26, चंबा में 28, हमीरपुर में 24, किन्नौर में 7, कुल्लू में 19, लाहौल स्पीति में 12, सिरमौर में 20, सोलन में 18 और ऊना में 11 प्राथमिक पाठशालाएं मर्च की गई हैं.
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 58 माध्यमिक पाठशालाएं भी मर्ज की गई हैं. जिलावार इनकी संख्या पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा 26 माध्यमिक स्कूल शिमला जिले में मर्ज किए गए हैं. जबकि कांगड़ा में 10, बिलासपुर में 2, हमीरपुर में 4, किन्नौर में 3, मंडी में 5, ऊना में 3 माध्यमिक स्कूल मर्ज किए गए हैं. वहीं चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, सिरमौर और सोलन जिले में 1-1 माध्यमिक पाठशालाएं मर्ज की गई हैं.