छिंदवाड़ा. नाबार्ड की जिला विकास प्रबंधक श्वेता सिंह ने एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस के उद्देश्य के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि किसानों को कृषि से संबंधित उचित सलाह देने के साथ-साथ बाजारों के रुझान, फसलों की कीटों से सुरक्षा, उचित समय पर मृदा प्रबंधन और पशुपालन करने वाले किसानों के लिए पशुओं से संबंधित सलाह उपलब्ध कराना है. इसी वजह से सरकार एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस सेंटर खोलने के लिए बढ़ावा दे रही हैं.
एग्री क्लीनिक-बिजनेस में ये सेवाएं शामिल
एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस के तहत डेयरी प्रोजेक्ट, पोल्ट्री फार्म, बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित ऑर्गेनिक खाद मिट्टी, जल गुणवत्ता और इनपुट परीक्षण प्रयोगशाला सेवा केन्द्र, पौध सुरक्षा सेवा केंद्र, वर्मी कम्पोजिटिंग यूनिट, बागवानी क्लीनिक और व्यापार केंद्र एग्रो सर्विस सेंटर- खेती की मशीने एवं कलपुर्ज निजी पशु चिकित्सालय, पशु आहार व औषधि के लिए फुटकर बिक्री केंद्र के साथ निजी पशु क्लीनिक, छोटी डेयरी इकाई के साथ न निजी कृत्रिम गर्भाधान केंद्र, कार्प सीड उत्पादन के लिए इको-हैचरी और प्रसार सेवाएं के लिए खोल सकते हैं.
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