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एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर खोलकर बनें आत्मनिर्भर, सरकार दे रही 50 लाख तक का लोन - Agri Clinic Startup - AGRI CLINIC STARTUP

एग्रीकल्चर स्ट्रीम से पढ़ाई करने के बाद जरूरी नहीं है कि आप नौकरी की तलाश में ही भटकते रहें. सरकार खुद का स्टार्टअप शुरू करने के लिए 50 लाख रुपए तक का लोन दे रही है, जिसमें 40 फीसदी तक सब्सिडी भी दे रही है. जानिए कैसे आप इस लोन के लिए अप्लाई कर शुरू कर सकते हैं अपना एग्री बिजनेस सेंटर.

AGRI CLINIC STARTUP LOAN
एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर खोलकर बनें आत्मनिर्भर (Etv Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 1:49 PM IST

छिंदवाड़ा. नाबार्ड की जिला विकास प्रबंधक श्वेता सिंह ने एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस के उद्देश्य के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि किसानों को कृषि से संबंधित उचित सलाह देने के साथ-साथ बाजारों के रुझान, फसलों की कीटों से सुरक्षा, उचित समय पर मृदा प्रबंधन और पशुपालन करने वाले किसानों के लिए पशुओं से संबंधित सलाह उपलब्ध कराना है. इसी वजह से सरकार एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस सेंटर खोलने के लिए बढ़ावा दे रही हैं.

एग्री क्लीनिक-बिजनेस में ये सेवाएं शामिल

एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस के तहत डेयरी प्रोजेक्ट, पोल्ट्री फार्म, बायोटेक्नोलॉजी से संबंधित ऑर्गेनिक खाद मिट्टी, जल गुणवत्ता और इनपुट परीक्षण प्रयोगशाला सेवा केन्द्र, पौध सुरक्षा सेवा केंद्र, वर्मी कम्पोजिटिंग यूनिट, बागवानी क्लीनिक और व्यापार केंद्र एग्रो सर्विस सेंटर- खेती की मशीने एवं कलपुर्ज निजी पशु चिकित्सालय, पशु आहार व औषधि के लिए फुटकर बिक्री केंद्र के साथ निजी पशु क्लीनिक, छोटी डेयरी इकाई के साथ न निजी कृत्रिम गर्भाधान केंद्र, कार्प सीड उत्पादन के लिए इको-हैचरी और प्रसार सेवाएं के लिए खोल सकते हैं.

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कितना लोन दे रही सरकार?

एग्री क्लीनिक या एग्री बिजनेस सेंटर खोलने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है. परियोजना लागत की अधिकतम सीमा में व्यक्तिगत परियोजना के लिए 20 लाख रु, अत्यंत सफल व्यक्तिगत परियोजनाओं के मामले में 25 लाख रु और समूह परियोजना योजना के तहत कम से कम 5 प्रशिक्षित व्यक्तियों के समूह द्वारा स्थापित सेंटर के लिए 50 लाख रु तक लोन है.

किसे मिल सकता है लोन?

योजना के लिए एग्रीकल्चर साइंस या उससे जुड़े ऐसे जैसे पशुपालन, बागवानी, पशु चिकित्सा, डेयरी विकास, मुर्गी पालन से संबंधित विषय में स्नातक होना अनिवार्य है. नाबार्ड इसके लिए एससी-एसटी के युवाओं को 40 फ़ीसदी और सामान्य व अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को 33 फिसदी सब्सिडी भी दे रही है. राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज) नोडल प्रशिक्षण संस्थानों एनटीआई के माध्यम से पात्र अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने और उन्हें कृषि-क्लिनिक और कृषि-व्यवसाय केन्द्रों की स्थापना के लिए प्रेरित करने के लिए जिम्मेदार होगा.

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