शहडोल.धान की खेती के बाद अब ये समय गेहूं की खेती का चल रहा है, किसानों के खेतों पर इस समय हरे भरे गेहूं की फसल देखने को मिल सकती है. लेकिन गेहूं की फसल पर इस बार एक अजीब रोग भी फैल रहा है, जिसने किसानों को परेशान भी कर दिया है. ज्यादातर किसान तो समझ भी नहीं पा रहे हैं कि आखिर गेहूं की फसल के साथ आखिर ऐसा हो क्यों हो रहा है. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बी के प्रजापति ने बताया कि गेहूं की फसल में ये कौन से रोग लग रहे हैं, इसका आसानी निदान कैसे करें और किसान कैसे इस नुकसान से बच सकते हैं.
क्या गेहूं में दिख रहे ऐसे लक्षण?
इन दिनों ज्यादातर गेहूं की खेती करने वाले किसान हैरान और परेशान हैं, क्योंकि उनके गेहूं की फसल तो अच्छी आई, फसल जमने के बाद पूरी तरह से हरी थी, लेकिन अचानक ही गेहूं में पीलापन आ गया. गेहूं की फसल की पत्तियां पीली पड़ रही हैं और किसान समझ नहीं पा रहा है कि आखिर ये हो क्या रहा है. पत्तियां पीली क्यों पड़ रही हैं? क्या इसमें नाइट्रोजन की कमी पड़ रही है? या फिर कोई रोग लग रहा है? ऐसे कई तरह से सवाल किसानों के मन में हैं. ऐसे में कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बी के प्रजापति बताते हैं कि अगर गेहूं की फसल में पीलापन आ रहा है, गेहूं की पत्तियां पीली पड़ रही हैं, तो उसके कई कारण हो सकते हैं और इसके निदान भी आसान हैं.
गेहूं खराब होने की वजह और कैसे करें उपचार ?
कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर बीके प्रजापति बताते हैं कि किसानों के माध्यम से पता लग रहा है कि गेहूं की फसल जो है अभी 30 से 35 दिन की हैं, इनमें पहले नीचे की पत्तियां पीली पड़ रही हैं और फिर पूरी पत्तियां पीली पड़ जा रही हैं. पत्तियां पीली पड़कर पौधे सूख जा रहे हैं, इसकी एक नहीं बल्कि दो से तीन वजह हो सकती हैं। पहली वजह ये हमें जानना जरूरी होता है, कि ठंड के समय जो है अभी वर्तमान में न्यूनतम तापमान है, वह लगभग 9 से 10 डिग्री के बीच चल रहा है. अधिकतम तापमान जो है लगभग 20 डिग्री के आसपास चल रहा है. ऐसे में फसल को नाइट्रोजन प्रदान करने वाले सूक्ष्मजीव की सक्रियता भी कम हो जाती है. इस दौरान किसान खाद के माध्या से फसल को नाइट्रोजन प्रदान करते हैं जो ऊपरी पत्ती में ट्रांसलोकेट हो जाता है, जिसके कारण नीचे की पत्ती में नाइट्रोजन की कमी होने के कारण पीला हो जाता है पत्ती सूख जाती है।