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आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि में क्या करें, जानिए किस विधि से पूजा करना आपके लिए रहेगा शुभ - Ashadh Gupt Navratri - ASHADH GUPT NAVRATRI

रविवार से आषाढ़ महीने की शुरुआत हो रही है. पूजा पाठ के नजरिए से यह महीना काफी शुभ और अहम माना जाता है. इस महीने में 6 जुलाई से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. इस खबर के माध्यम से जानिए कैसे इस दौरान आप किस भगवान की पूजा कर सौभाग्य और सुख समृद्धि हासिल कर सकते हैं.

Gupt Navratri of Ashadh month
गुप्त नवरात्रि की पूजा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 22, 2024, 7:57 PM IST

आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि (ETV BHARAT)

रायपुर: आषाढ़ महीना हिंदू धर्म में विशेष तौर पर गुप्त नवरात्रि के लिए जाना जाता है. इस बार 23 जून से आषाढ़ महीने की शुरुआत हो रही है और इसका समापन 21 जुलाई को हो रहा है. आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा से इस माह का शुभारंभ हो रहा है और आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को इसका समापन हो रहा है.

आषाढ़ के महीने मे तीर्थ यात्रा का विशेष महत्व: आषाढ़ महीने में तीर्थ यात्रा का विशेष महत्व है. इस दौरान सूर्यदेव को जल चढ़ाना काफी शुभदायक माना गया है. भगवान विष्णु और भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना को इस महीने में काफी शुभ माना गया है. ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ माह में ही भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और उसके बाद चातुर्मास की शुरुआत होती है. चातुर्मास भगवान विष्णु के शयनकाल को कहते हैं.

"हिंदू पंचांग के मुताबिक चौथा महीना आषाढ़ का महीना कहलाता है. यह गर्मी के बाद वर्षा ऋतु का समय माना जाता है. आषाढ़ महीने की शुभारंभ इस बार 23 जून आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा से हो रहा है. इस दिन आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के साथ 21 जुलाई को यह समाप्त होगा. आषाढ़ के महीने को वर्षा ऋतु के आगमन का समय माना गया है. इसके बाद बारिश भी खूब होती है और इस दौरान जगह-जगह पर हरियाली भी देखने को मिलती है. भारी गर्मी के बाद राहत देने वाला महीना भी आषाढ़ का महीना ही कहलाता है. आषाढ़ के महीने में ही गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू होकर 9 दिनों तक चलेगा.": पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

आषाढ़ में भगवान सूर्य को जल चढ़ाना बेहद शुभ: आषाढ़ महीने में प्रतिदिन सूर्य देव को जल जरूर चढ़ाएं. ऐसा करने से शुभ फलों और सौभाग्य की प्राप्ति होगी. आषाढ़ के महीने में सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से धन संपदा और मान सम्मान की प्राप्ति होती है. इसके अलावा आषाढ़ महीने के दौरान आप अगर रोजाना सूर्य देव की उपासना करेंगे तो आपके रोक और दोष दूर हो जाएंगे.

"इस महीने में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता लेकिन यह महीना पूजा पाठ के लिए बेहद शुभ और फलदाई है. इस महीने में यज्ञ और दान का बहुत महत्व है. इस महीने में भगवान विष्णु, भगवान शिव, मां दुर्गा और हनुमान जी की विधि विधान पूर्वक पूजा करने से सूर्य और मंगल की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है. जिससे घर में सुख शांति और समृद्धि आती है": पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर

आषाढ़ महीने में पूजा पाठ और सूर्य उपासना करने से जातक को धन धान्य की प्राप्ति होती है. इसलिए इस महीने में सात्विक कर्म और पूजा पाठ को बेहद फलदाई माना गया है.

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