मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर से पाकिस्तानी संगठन से जुड़े होने और हिंदू सनातन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा की हत्या की साजिश रचने के आरोप में मो. अली को गिरफ्तार किया गया है. शुक्रवार की शाम गुजरात की सूरत पुलिस उसे अपने साथ लेकर चली गई. जाने से पहले टीम ने मुजफ्फरपुर कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड की अनुमति ली. हम आपको बताएंगे कि आखिर गुजरात की सूरत पुलिस अली तक कैसे पहुंची.
सूरत में हुआ था एफआईआर दर्ज: दरअसल हिंदू सनातन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपदेश राणा को धमकी दी गई थी. जिसके बाद उन्होंने सूरत में ही लोकल थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. इसके बाद से सूरत पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई थी. जांच के दौरान सूरत के क्राइम ब्रांच की टीम ने एक मौलाना को गिरफ्तार किया. मौलाना सोहेल अबू बकर सूरत के कामरेज इलाके के कठोर गांव का रहने वाला है.
मौलाना के मोबाइल में अली का चैट:मौलाना धागे की फैक्टरी में मैनेजर के तौर पर काम करता था और साथ में गांव के छोटे बच्चों को धार्मिक शिक्षा देता है. जब उसको पुलिस टीम ने हिरासत में लेकर पूछताछ की और उसका मोबाइल जांच किया तो कुछ हैरान करने वाले चैट और कॉल डिटेल मिले. आरोपी के ग्रुप में सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरे देशों के लोग भी जुड़े हुए हैं. जिसमें पाकिस्तान, नेपाल, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान समेत अन्य देश भी शामिल है. अब यहां से क्राइम ब्रांच की टीम ने कड़ी दर कड़ी जोड़ना शुरू किया तो मौलाना के मोबाइल में अली का भी चैट मिला.
नेपाली नंबर से ग्रुप में था एक्टिव: मौलाना के मोबाइल चैट से पता चला की अली भी उसके साथ लगातार संपर्क में है. उसके भी तार पाकिस्तानी संगठन से जुड़े हैं. वह भी उपदेशक राणा की हत्या की साजिश रचने में और नूपुर शर्मा को धमकी देने में शामिल है. स्पेशल टीम उसके पीछे लग गई लेकिन नेपाली नंबर को ट्रेस करने में पुलिस को थोड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ा. इसी बीच पुलिस को सुराग मिला की वह बिहार के मुजफ्फरपुर आने वाला है. जिसके बाद टीम मुजफ्फरपुर पहुंची और सकरा थाने की पुलिस के साथ मिलकर अली के घर की घेराबंदी की गई. वहीं उसे मौके से गिरफ्तार कर लिया गया.
दो मोबाइल नंबर करता था इस्तेमाल: पुलिस सूत्र के अनुसार जांच में पता चला की अली दो मोबाइल नंबर इस्तेमाल करता था. इसमें एक इंडियन नंबर और दूसरा नेपाली नंबर शामिल है. नेपाली नंबर से वह नेताओं को धमकाने का काम करता था, उसी नंबर से ग्रुप में भी जुड़ा हुआ था.
मौलाना से कैसे जुड़ा अली: पुलिस सूत्रों के अनुसार अली ऑनलाइन सोशल साइट्स प्लेटफार्म के जरिए मौलाना के संपर्क में आया था. उसी के जरिए वह ग्रुप में जुड़ता गया, जिसमे कई कट्टरपंथी लोग भी शामिल थे. उनसे वो वह प्रभावित होता गया, इसके बाद वह भी मौलाना के रास्ते चल निकला. अब उसे सूरत की क्राइम ब्रांच टीम अपने साथ ले गई है, जहां से आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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