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कैबिनेट ने टेलीकॉम कंपनियों को दी बड़ी राहत, नहीं देनी होगी बैंक गारंटी, VI के शेयरों में आई तेजी - VODAFONE IDEA SHARES

कैबिनेट ने दूरसंचार कंपनियों के लिए बैंक गारंटी माफी को मंजूरी दे दी. जिसके बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 18 फीसदी की तेजी आई.

Vodafone Idea Shares
प्रतीकात्मक फोटो (Getty Image)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2024, 9:59 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2022 से पहले खरीदे गए स्पेक्ट्रम पर दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए बैंक गारंटी (बीजी) की छूट को मंजूरी दे दी है. इससे वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को काफी राहत मिली है. इस खबर के बाद आज शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक इन पर बीजी में 24,700 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों को सामूहिक रूप से 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के बीजी दायित्वों का सामना करना पड़ रहा है.

यह निर्णय 2021 के कैबिनेट सुधारों के बाद लिया गया है, जिसमें भविष्य में खरीदे जाने वाले स्पेक्ट्रम के लिए बीजी आवश्यकता को पहले ही हटा दिया गया था. पुराने स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स को यह राहत देकर, सरकार का लक्ष्य दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय दबाव को कम करना और इसकी स्थिरता को बढ़ाना है.

वोडाफोन आइडिया ने लगातार अपनी वित्तीय चुनौतियों को उजागर किया है. सरकार से स्पेक्ट्रम भुगतान के बोझ को कम करने के लिए बीजी की आवश्यकता को समाप्त करने का आग्रह किया है. कंपनी ने तर्क दिया कि इस तरह की छूट से बैंकों से अतिरिक्त लोन की सुविधा मिलेगी, जो महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता देगा. कंपनी हाल ही में 2012 की नीलामी में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए लगभग 350 करोड़ रुपये का दूसरा बीजी भुगतान करने में विफल रही, जो 1 नवंबर को देय था. इसके बाद सितंबर में 2016 की स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित बीजी के लिए 4,600 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान चूक गया.

वोडाफोन आइडिया ने इक्विटी के जरिए 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं और अब उसका लक्ष्य लोन के जरिए 25,000 करोड़ रुपये और बैंक गारंटी या लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाना है. ये फंड कंपनी के लिए अपने पूंजीगत खर्च को जारी रखने और एयरटेल और जियो के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बहुत जरूरी हैं.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2022 से पहले खरीदे गए स्पेक्ट्रम पर दूरसंचार ऑपरेटरों के लिए बैंक गारंटी (बीजी) की छूट को मंजूरी दे दी है. इससे वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को काफी राहत मिली है. इस खबर के बाद आज शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक इन पर बीजी में 24,700 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों को सामूहिक रूप से 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के बीजी दायित्वों का सामना करना पड़ रहा है.

यह निर्णय 2021 के कैबिनेट सुधारों के बाद लिया गया है, जिसमें भविष्य में खरीदे जाने वाले स्पेक्ट्रम के लिए बीजी आवश्यकता को पहले ही हटा दिया गया था. पुराने स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स को यह राहत देकर, सरकार का लक्ष्य दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय दबाव को कम करना और इसकी स्थिरता को बढ़ाना है.

वोडाफोन आइडिया ने लगातार अपनी वित्तीय चुनौतियों को उजागर किया है. सरकार से स्पेक्ट्रम भुगतान के बोझ को कम करने के लिए बीजी की आवश्यकता को समाप्त करने का आग्रह किया है. कंपनी ने तर्क दिया कि इस तरह की छूट से बैंकों से अतिरिक्त लोन की सुविधा मिलेगी, जो महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता देगा. कंपनी हाल ही में 2012 की नीलामी में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए लगभग 350 करोड़ रुपये का दूसरा बीजी भुगतान करने में विफल रही, जो 1 नवंबर को देय था. इसके बाद सितंबर में 2016 की स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित बीजी के लिए 4,600 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान चूक गया.

वोडाफोन आइडिया ने इक्विटी के जरिए 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं और अब उसका लक्ष्य लोन के जरिए 25,000 करोड़ रुपये और बैंक गारंटी या लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाना है. ये फंड कंपनी के लिए अपने पूंजीगत खर्च को जारी रखने और एयरटेल और जियो के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बहुत जरूरी हैं.

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