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नाहरगढ़ से आई 'गुड न्यूज', मादा हिप्पो ने दूसरी बार दिया बेबी हिप्पो को जन्म - Nahargarh Biological Park - NAHARGARH BIOLOGICAL PARK

BABY HIPPO IN NAHARGARH, जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मादा हिप्पो ने बेबी हिप्पो को जन्म दिया है. 24 घंटे के लिए दोनों की विशेष निगरानी की जा रही है.

मादा हिप्पो ने दूसरी बार दिया बेबी हिप्पो को जन्म
मादा हिप्पो ने दूसरी बार दिया बेबी हिप्पो को जन्म (Etv Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 25, 2024, 8:22 PM IST

जयपुर.राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से खुशी की खबर सामने आई है. शनिवार को मादा हिप्पो ने एक बच्चे हिप्पो को जन्म दिया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एग्जॉटिक पार्क में दूसरी बार हिप्पो का बच्चा हुआ है. इससे पहले 17 जुलाई 2020 को रानी हिप्पो ने एक बच्चे को जन्म दिया था. अब एग्जॉटिक पार्क में हिप्पो राजा रानी समेत 4 हिप्पो हो गए हैं. बेबी हिप्पो के जन्म से वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है. डीसीएफ जगदीश गुप्ता ने हिप्पो की मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.

डीसीएफ जगदीश गुप्ता के मुताबिक नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एक्जॉटिक पार्क में शनिवार को मादा हिप्पो रानी ने एक मादा हिप्पो बेबी को जन्म दिया है. हिप्पो बच्चे का वजन करीब 100 किलो है. ऐसा राजस्थान में दूसरी बार हुआ है. पहली बार 17 जुलाई 2020 को प्रदेश की पहली बेबी हिप्पो राजकुमारी का जन्म नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एग्जॉटिक पार्क में हुआ था.

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मादा हिप्पो और उसके बच्चे की 24 घंटे निगरानी :नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एग्जॉटिक पार्क में एग्जॉटिक एनिमल्स को रखने का प्रावधान रखा गया था. सबसे पहले दिल्ली चिड़िया घर से वर्ष 2019 के अगस्त महीने में हिप्पो का जोड़ा लाया गया था. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एग्जॉटिक पार्क में हिप्पो यानी दरियाई घोड़े के जोड़े का सफल प्रजनन हुआ है. हिप्पो के बच्चे के लिए अलग से पॉन्ड बनाया गया है. मादा दरियाई घोड़े को नर दरियाई घोड़े से अलग रखा गया है. मादा हिप्पो और उसके बच्चे की 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है, ताकि स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव न पड़े. वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी 24 घंटे ध्यान रख रहे हैं. समय-समय पर हिप्पो को भोजन पानी दिया जा रहा है.

अगस्त 2019 में दिल्ली से जयपुर लाया गया था :हिप्पोपोटामस यानी दरियाई घोड़े का बच्चा होने से प्रदेशभर के वन्यजीव प्रेमियों और वन विभाग में खुशी की लहर है. अगस्त 2019 में पहली बार दरियाई घोड़े का जोड़ा दिल्ली से जयपुर लाया गया था. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत जयपुर से एक जोड़ी घड़ियाल और एक जोड़ी वूल्फ के बदले ये जोड़ा लाया गया था. दरियाई घोड़े का जोड़ा नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बने एग्जॉटिक पाक की शान बना हुआ है और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है.

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दरियाई घोड़ा दुनिया का तीसरा सबसे भारी जानवर :दरियाई घोड़े का जोड़ा घास खाता है और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में घास भी प्राकृतिक रूप से पनपती है. दरियाई घोड़े का बच्चा होने के बाद से ही विशेष निगरानी रखी जा रही है. खाने पीने में भी विशेष डाइट दी जा रही है. दरियाई घोड़ा दुनिया का तीसरा सबसे भारी जानवर है. दुनिया के भारी जानवरों में पहला व्हेल मछली, दूसरा हाथी और तीसरा दरियाई घोड़ा है. दरियाई घोड़ा पानी और थल दोनों जगह पर ही रहता है. यह जलीय जीव है, जो कि अफ्रीका में पाया जाता है.

दरियाई घोड़े को दिया प्राकृतिक माहौल :दरियाई घोड़े को प्राकृतिक माहौल देने के लिए एग्जॉटिक पार्क को विकसित किया गया है. यहां पर हरी घास और पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जहां प्राकृतिक माहौल में हिप्पो घूमते हैं. एग्जॉटिक पार्क में पूरी तरह से प्राकृतिक माहौल बनाया गया है. दरियाई घोड़ा ज्यादातर पानी में रहता है. एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़े के लिए वाटर पार्क बनाए गए हैं, जहां पर अठखेलियां करते हुए नजर आते हैं.

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