बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में कैसे होगा पर्यटन निगम का सुधार? जब जिलों के बड़े अधिकारी ही नहीं कर रहे पैसों का हिसाब! ये वाक्य इन दिनों कुछ जिलों के मुखियाओं पर बिल्कुल फिट बैठ रहा है. कई जिला मुखियाओं द्वारा अभी तक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के होटलों से खाने-पीने के पैसों का भुगतान नहीं किया गया है.
डीसी ऑफिस हमीरपुर का 5 लाख पेंडिंग
हैरानी की बात ये है कि हमीरपुर डीसी ऑफिस के पास पर्यटन निगम की 5 लाख रुपए की देनदारी बाकी है. 1 साल 4 महीने से हमीरपुर डीसी ऑफिस ने ये देनदारी पर्यटन निगम को नहीं दी है. इस मामले को लेकर पर्यटन निगम की ओर से हमीरपुर डीसी ऑफिस से 3 बार पत्राचार हो चुका है, लेकिन अभी तक इस राशि का भुगतान नहीं किया गया है. मामले की जानकारी पर्यटन निगम बिलासपुर के मैनेजर व डीडीओ तुलसीराम ठाकुर द्वारा दी गई.
इन सरकारी कार्यालयों का भुगतान पेंडिंग
हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम बिलासपुर के मैनेजर व डीडीओ तुलसीराम ठाकुर ने बताया कि हमीरपुर डीसी ऑफिस के साथ-साथ डीसी ऑफिस कुल्लू, डीसी ऑफिस बिलासपुर, एम्स बिलासपुर, सीएमओ बिलासपुर, छात्रा स्कूल बिलासपुर की भी काफी सारी देनदारी पेंडिंग पड़ी हुई है, लेकिन अब पर्यटन निगम बिलासपुर ने इन सभी विभागों को पत्राचार कर दिया है. पर्यटन निगम ने सभी से जल्द से जल्द पेंडिंग पेमेंट को पूरा करने के लिए कहा है.
30 नवंबर तक रिकवरी पूरी करने के आदेश
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम एचपीटीडीसी ने 48 घंटे के अंदर रिकवरी के आदेश जारी किए हैं. हिमाचल हाईकोर्ट के 12 नवंबर के आदेशों के तहत निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने सभी होटल यूनिट प्रबंधकों को आदेश जारी किए हैं. अपने आदेशों में उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सरकारी विभागों, बोर्ड और निगमों से जो पैसे की रिकवरी की जानी है, उसे 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए. पर्यटन विकास निगम के होटलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के एवज में देनदारियां न चुकाने के कारण निगम का घाटा बढ़ता जा रहा है. घाटा ज्यादा होने के चलते पर्यटन निगम अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स की देनदारी नहीं चुका पा रहा है.
घाटे में चल रहे निगम के होटल
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पहले से ही पर्यटन निगम के होटल घाटे में चल रहे हैं. पर्यटन निगम की ओर से इन होटल्स को घाटे से उभारने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सरकारी विभागों के पास लाखों रुपयों की राशि पेंडिंग है. ऐसे में पर्यटन निगम को उम्मीद है कि अगर इस राशि का उन्हें भुगतान हो जाता है तो इससे पर्यटन निगम को थोड़ी राहत मिलेगी.