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मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा, चहचहाहट से गूंज उठा क्षेत्र - MANDI MIGRATORY BIRDS

इन दिनों मंडी जिले के नदी, झील और जलाशयों को प्रवासी पक्षियों ने अपना घर बनाया हुआ है. फरवरी तक ये प्रवासी मेहमान यही रहेंगे.

मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा.
मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 3:39 PM IST

Updated : Jan 12, 2025, 4:15 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में इन दिनों में प्रवासियों पक्षियों ने अपना डेरा बनाया हुआ है. मंडी जिले की नदियां, झीलें, कृत्रिम और प्राकृतिक जलाशय इन दिनों प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से गूंज उठे हैं. हालांकि, पिछले साल की तरह इस बार इन प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. वन विभाग इनकी कोई अधिकारिक गणना तो नहीं करता लेकिन अनुमान के आधार पर ही इनकी संख्या तय की जाती है. इनका जमावड़ा इनकी संख्या बताने के लिए काफी होता है.

बता दें कि हर साल दिसंबर महीने में यह प्रवासी पक्षी अपने देशों में पारा माइनस में चले जाने के कारण तीन महीनों के लिए यहां के जलाशयों में प्रवास करते हैं. यह प्रवास दिसंबर से शुरू होकर फरवरी महीने तक रहता है. यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में कॉमन कूट, टफ्ड डक, मल्लार्ड, कॉमन पोचार्ड, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, लिटिल ग्रैब और कार्मोरेंट आदि प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं. आजकल इन प्रवासी पक्षियों ने जिला की ब्यास नदी, पंडोह डैम, लारजी डैम, रिवालसर झील और सुंदरनगर झील में अपना डेरा जमाया हुआ है.

प्रवासी पक्षियों ने मंडी के जलाशयों में जमाया डेरा (ETV Bharat)
मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा.
मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा. (ETV Bharat)
फरवरी तक प्रवासी मेहमान मंडी में ही रहेंगे.
फरवरी तक प्रवासी मेहमान मंडी में ही रहेंगे. (ETV Bharat)

मुख्य अरण्यपाल वन वृत मंडी अजीत ठाकुर ने कहा, "हर साल यह प्रवासी पक्षी दिसंबर के महीने में आते हैं और फरवरी महीने के अंत तक वापिस चले जाते हैं. इस दौरान फिल्ड स्टाफ को इन पक्षियों पर निगरानी रखने के निर्देश दे दिए गए हैं. ताकि इनके साथ किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ न हो सके. इस साल भी बीते साल के मुकाबले पक्षियों की संख्या बराबर ही है".

ये भी पढ़ें: National Youth Day: बचपन से ही देख नहीं पाती थी मुस्कान, सुरों की साधना से बन गईं प्रोफेसर

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में इन दिनों में प्रवासियों पक्षियों ने अपना डेरा बनाया हुआ है. मंडी जिले की नदियां, झीलें, कृत्रिम और प्राकृतिक जलाशय इन दिनों प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट से गूंज उठे हैं. हालांकि, पिछले साल की तरह इस बार इन प्रवासी पक्षियों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. वन विभाग इनकी कोई अधिकारिक गणना तो नहीं करता लेकिन अनुमान के आधार पर ही इनकी संख्या तय की जाती है. इनका जमावड़ा इनकी संख्या बताने के लिए काफी होता है.

बता दें कि हर साल दिसंबर महीने में यह प्रवासी पक्षी अपने देशों में पारा माइनस में चले जाने के कारण तीन महीनों के लिए यहां के जलाशयों में प्रवास करते हैं. यह प्रवास दिसंबर से शुरू होकर फरवरी महीने तक रहता है. यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में कॉमन कूट, टफ्ड डक, मल्लार्ड, कॉमन पोचार्ड, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, लिटिल ग्रैब और कार्मोरेंट आदि प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं. आजकल इन प्रवासी पक्षियों ने जिला की ब्यास नदी, पंडोह डैम, लारजी डैम, रिवालसर झील और सुंदरनगर झील में अपना डेरा जमाया हुआ है.

प्रवासी पक्षियों ने मंडी के जलाशयों में जमाया डेरा (ETV Bharat)
मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा.
मंडी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने जमाया डेरा. (ETV Bharat)
फरवरी तक प्रवासी मेहमान मंडी में ही रहेंगे.
फरवरी तक प्रवासी मेहमान मंडी में ही रहेंगे. (ETV Bharat)

मुख्य अरण्यपाल वन वृत मंडी अजीत ठाकुर ने कहा, "हर साल यह प्रवासी पक्षी दिसंबर के महीने में आते हैं और फरवरी महीने के अंत तक वापिस चले जाते हैं. इस दौरान फिल्ड स्टाफ को इन पक्षियों पर निगरानी रखने के निर्देश दे दिए गए हैं. ताकि इनके साथ किसी भी प्रकार की कोई छेड़छाड़ न हो सके. इस साल भी बीते साल के मुकाबले पक्षियों की संख्या बराबर ही है".

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Last Updated : Jan 12, 2025, 4:15 PM IST
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