नई दिल्ली : इंडियन रेलवे के कर्मचारियों को इस साल के बजट से काफी उम्मीदें हैं. रेल कर्मचारियों को उम्मीद है कि सरकार नई अत्याधुनिक तकनीक, रेल सुरक्षा और आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास की शुरुआत कर सकती है.
आगामी बजट घोषणा पर चर्चा करते हुए भारतीय रेलवे सिग्नल एवं दूरसंचार अनुरक्षक संघ के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश ने ईटीवी भारत से कहा, "अगर मैं रेलवे और यात्रियों के हित की बात करूं तो मुझे आगामी बजट से उम्मीद है कि मुंबई की तरह उपनगरीय इलाकों में भी पैसेंजर ट्रेन के लिए कुछ अलग ट्रैक बिछाए जाएं. दूसरा, मध्यम वर्ग के यात्रियों के लाभ के लिए वंदे भारत ट्रेन की जगह एक्सप्रेस मेल ज्यादा चलाई जानी चाहिए, क्योंकि एक्सप्रेस मेल ऐसे लोगों की जेब के अनुकूल है."
भर्ती के लिए अधिक धन आवंटन मिलने की उम्मीद
रेल नेटवर्क में चल रहे आधुनिकीकरण और नई प्रौद्योगिकी को बढ़ाया जा रहा है, इसके लिए तकनीकी विभागों को कर्मचारियों की भर्ती के लिए अधिक धन आवंटन मिलने की उम्मीद है.
इस पर रेलवे कर्मचारी नवीन कुमार ने ईटीवी भारत से कहा, "मुझे उम्मीद है कि रेलवे की सुरक्षा के साथ-साथ ट्रेनों के लिए अधिक धनराशि आवंटित की जाएगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी."
कुमार ने कहा, "इन दिनों, एक के बाद एक आधुनिक प्रौद्योगिकी सामने आ रही हैं, इसलिए ज्यादा कर्मचारियों को नियुक्त किया जाना चाहिए, जो प्रौद्योगिकी के अनुकूल हों, ताकि परिचालन तेज गति से हो सके."
इसके अलावा, कुछ रेल कर्मचारी आयकर स्लैब में कमी या पहले की 5 लाख टैक्स स्लैब प्रणाली को बरकरार रखने की वकालत कर रहे हैं क्योंकि उन्हें नई कर श्रेणी से लाभ नहीं मिल रहा है.
ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष राम शरण ने ईटीवी भारत से कहा, "रेल बजट का मुख्य फोकस सुरक्षा पर होना चाहिए, क्योंकि यह रेलवे के साथ-साथ यात्रियों से भी जुड़ा है. रेलवे में आधुनिकीकरण किया जा रहा है, जिससे यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ रही है. अगर सरकार सुरक्षा पर धन खर्च करती है तो यह रेल परिचालन व्यवस्था के लिए बेहतर होगा."
अधिक तकनीकी कर्मचारियों की जरूरत
एक अन्य रेलवे कर्मचारी केसी जेम्स ने ईटीवी भारत को बताया कि रेलवे के सुचारू परिचालन के लिए और सिग्नलिंग और लोकोमोटिव जैसे कई विभागों में उन्नत तकनीकों से निपटने के लिए अधिक तकनीकी कर्मचारियों की जरूरत है.
पिछले बजट में भारतीय रेलवे ने रेल नेटवर्क में ट्रेनों और यात्रियों के लिए सुरक्षा को प्राथमिकता के रूप में पहचाना था. इस उद्देश्य को पूरा करते हुए सरकार ने रेल हादसों को रोकने के लिए 'कवच' प्रणाली को अपनाने के लिए 1112.57 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. सरकार ने सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया था और सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे.
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