शिमला:हिमाचल प्रदेश खराब वित्तीय स्थिति से जूझ रहा है. आर्थिक संकट के कारण प्रदेश में सरकारी कर्मियों के वेतन व पेंशन के लाले पड़े हैं. इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि हिमाचल में कर्मचारियों का वेतन पहली तारीख को नहीं आया और उन्हें 5 तारीख तक इंतजार करना पड़ा. इसके साथ ही पेंशनर्स को भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. प्रदेश में वित्तीय संकट के कारण कर्मचारियों डीए और संशोधित वेतनमान का एरियर का भुगतान होना तो दूर अब समय में खाते में सैलरी भी समय पर नहीं पड़ रही है.
आज मिलेगी पेशनर्स को पेंशन
हिमाचल में इसी तरह की परेशानियों का सामना सरकारी सेवा में अपना पूरा जीवन देने वाले सेवानिवृत कर्मचारी कर रहे हैं. इस तरह से समय पर सैलरी और पेंशन न देने पर सुक्खू सरकार विपक्ष के निशाने पर है. देश भर में भी इस वजह से हिमाचल सुर्खियों में बना हुआ है, लेकिन इन सब के बीच आज महीने के 10 दिन बीतने पर पौने 2 लाख पेंशनरों के खाते में पेंशन क्रेडिट होने से बहुत बड़ी टेंशन दूर होने वाली है.
मोबाइल में मैसेज आते ही चेहरे पर आएगी चमक
हिमाचल में करीब पौने 2 लाख पेंशनर पिछले कई दिनों से इस महीने की पेंशन का इंतजार कर रहे हैं. सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन न मिलने से अपने जरूरी खर्च चलाने के लिए पैसे नहीं है. इस तरह से जीवन भर सरकारी क्षेत्र में सेवाएं देने के बाद रिटायर हुए इन कर्मचारियों के चेहरे पर शिकन है, लेकिन आज दोपहर तक मोबाइल में पेंशन खाते में क्रेडिट होने का मैसेज आते ही लाखों पेंशनरों के चेहरे पर चमक बिखेरने वाली है. राज्य सरकार ने पेंशनर्स को 10 तारीख को पेंशन देने के लिए वादा किया है, जो आज पूरा होने वाला है.
सरकार के खजाने में आएंगे 740 करोड़
बता दें कि हिमाचल में एक महीने में पेंशनर्स की पेंशन का बिल 800 करोड़ रुपए बनता है. राज्य सरकार के खजाने में केंद्रीय करों के हिस्सेदारी के रूप में आज मंगलवार को 740 करोड़ रुपए की रकम केंद्र से आएगी. उससे पेंशन का खर्च निकलने में आसानी होगी और फिर 11 सितंबर को राज्य सरकार के खजाने में कर्ज के 700 करोड़ रुपए भी आने वाले हैं. इस समय हिमाचल सरकार की लोन लिमिट 2317 करोड़ रुपए बची है. उसमें से 700 करोड़ रुपए का लोन लिया जा रहा है. फिर दिसंबर तक लोन लिमिट 1617 करोड़ रुपए रह जाएगी. अभी राज्य सरकार 700 करोड़ रुपए का ये लोन 15 साल के लिए ले रही है.
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