बम-बंदूकें और एक भयानक साजिश, ऑनलाइन सीखा हथियार बनाना, फिर ससुराल वालों को भेजा - GUJARAT
गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती इलाके में हुए पार्सल बम विस्फोट के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है.
Published : Dec 22, 2024, 9:17 PM IST
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में पुलिस ने शनिवार को साबरमती इलाके में हुए पार्सल बम विस्फोट के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. शनिवार की सुबह हुआ यह विस्फोट 44 वर्षीय रूपेन राव द्वारा रची गई बदला लेने की साजिश का नतीजा था. वह अपनी अलग रह रही पत्नी के परिवार से बदला लेना चाहता था. पुलिस ने राव की पहचान हमले के पीछे के मास्टरमाइंड के रूप में की है.
हमले में उसकी पत्नी के दोस्त बलदेव सुखाड़िया के साथ ही सुखाड़िया के पिता और भाई को निशाना बनाया गया था. अधिकारियों के अनुसार अपनी पत्नी को तलाक देने की प्रक्रिया में राव उन लोगों से बदला लेने के लिए जुनूनी हो गया था, जिन्हें उसने अपने अलगाव के लिए जिम्मेदार ठहराया था. उसकी साजिश में घर में बने बम और फायरआर्म्स का इस्तेमाल शामिल था, जिन्हें उसने कथित तौर पर ऑनलाइन बनाना सीखा था.
कब हुआ विस्फोट?
बता दें कि विस्फोट शनिवार को सुबह करीब 10.45 बजे साबरमती के एक रो हाउस में बम विस्फोट हुआ था. इसमें दो लोग घायल हो गए. विस्फोट के बाद पुलिस ने तुरंत गौरव गढ़वी को गिरफ्तार कर लिया, जो घटनास्थल पर पाया गया. इसके बाद पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस का उपयोग करके गहन जांच की, जिसके परिणामस्वरूप शनिवार रात राव और उसके साथी रोहन रावल को गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भरत राठौड़ ने पुष्टि की कि राव और रावल कई महीनों से हमले की योजना बना रहे थे. राठौड़ ने बताया, "राव पिछले तीन-चार महीनों से ऑनलाइन संसाधनों के जरिए बम और फायर आर्म्स बनाना सीख रहा था. उसका लक्ष्य सुखाड़िया और उसके ससुराल वालों को नुकसान पहुंचाना था. साथ ही वह अपनी पत्नी के परिवार के साथ दरार पैदा करके उसे भावनात्मक रूप से अलग-थलग करना था."
बम, बंदूकें और एक भयानक साजिश
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने संदिग्धों से जुड़ी एक कार से दो जिंदा बम बरामद किए. सल्फर पाउडर, बारूद और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से बने बमों को दूर से ही विस्फोट करने के लिए बनाया गया था. इसके अलावा, पुलिस को एक देसी पिस्तौल और गोला-बारूद भी मिला. इसे भी राव ने खुद ही बनाया था.बम का पता लगाने और उसे नष्ट करने वाले दस्ते (BDDS) ने बमों को तुरंत निष्क्रिय कर दिया, जिससे और अधिक हताहत होने से बचा जा सका.
राठौड़ ने विस्तार से बताया कि बमों को घातक चोट पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया था. हालांकि, पूर्ण फोरेंसिक विश्लेषण लंबित है, लेकिन अगर बम शरीर के किसी महत्वपूर्ण हिस्से में फटते तो वे घातक नुकसान पहुंचा सकते थे."
राव की अपनी अलग रह रही पत्नी और उसके परिवार के प्रति कड़वाहट एक निजी स्वास्थ्य समस्या - पेट की बीमारी - के कारण और बढ़ गई थी, जिसके बारे में उनका मानना था कि उनके कार्यों के कारण यह और बढ़ गई थी. राठौड़ ने कहा, "अपनी चिकित्सा स्थिति के कारण वह कमजोर और अलग-थलग महसूस करते था और अपनी पत्नी, ससुर और साले को खुद को अलग-थलग महसूस कराने के लिए दोषी मानते था."
बदला लेने की साजिश
सुखाड़िया और उसके ससुराल वालों के प्रति राव की दुश्मनी ने उसे एक विस्तृत योजना बनाने के लिए प्रेरित किया. रावल की मदद से राव ने शुक्रवार रात को सुखाड़िया के घर पर बम से भरा पार्सल पहुंचाने का प्रयास किया. हालांकि, चूंकि सुखाड़िया घर पर नहीं थे, इसलिए डिलीवरी को अगली सुबह तक के लिए टाल दिया गया. डिलीवरी मैन के रूप में काम कर रहे गढ़वी ने पार्सल को घर तक पहुंचाया, जहां रावल दूर किसी स्थान से विस्फोट किए जाने पर यह फट गया.
साजिश यहीं खत्म नहीं हुई. जांचकर्ताओं का मानना है कि राव और रावल ने अपने ससुर और साले पर भी इसी तरह के हमलों की योजना बनाई थी. उनका इरादा उन्हें खत्म करने के लिए भी बम का इस्तेमाल करना था, जिससे राव की अलग रह रही पत्नी अपने परिवार से और भी अलग हो जाए.अपनी जांच के दौरान पुलिस ने राव के घर पर विस्फोटक मटेरियल और फायर आर्म्स का एक जखीरा बरामद किया.
जब्त की गई वस्तुओं में पांच जिंदा कारतूस, कई हाई-वोल्टेज बैटरी सेल, तीन अधूरे देसी पिस्तौल, विभिन्न आकारों के पाइप, दो रिमोट, तीन मोबाइल फोन, गैस सिलेंडर और बम बनाने में इस्तेमाल होने वाले कई उपकरण शामिल हैं, जिनमें ड्रिल मशीन, स्क्रू, कील और ब्लेड शामिल हैं. अधिकारियों का मानना है कि राव बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने और भय का माहौल बनाने के लिए कई हमलों की तैयारी कर रहा था.
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