शिमला: करीब 13 साल पहले सुप्रीम कोर्ट से हिमाचल के हक में एक फैसला आया था. इस फैसले से हिमाचल को पंजाब और हरियाणा से 4500 करोड़ रुपये मिलने थे. दोनों राज्य हिमाचल के हक पर कुंडली मारकर बैठे रहे. अब हिमाचल सरकार ने पैसे को वापस लेने के प्रयास तेज कर दिए हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने अफसरों को दिल्ली रवाना किया है. मामला बीबीएमबी यानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से हिमाचल को मिलने वाले 4500 करोड़ से ज्यादा के एरियर का है. इसी मामले में अब नए सिरे से सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 11 सितंबर को सुनवाई तय हुई है. इसके लिए हिमाचल की सुक्खू सरकार ने अपने अधिकारियों को दिल्ली भेज दिया है. सीएम सुक्खू का मानना है कि केस की सुनवाई से पहले भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल से लेकर एडवोकेट से चर्चा की जाए.
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने भी हिमाचल सरकार के अफसरों ने भारत के अटॉर्नी जनरल से बैठक की थी. उस बैठक में पंजाब और हरियाणा के अधिकारी भी थे. बीबीएमबी एरियर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हिमाचल के पक्ष में एक आदेश जारी कर रखा है, लेकिन इसे 13 साल से लागू नहीं किया जा सका है. ये आदेश डिक्री यानी हुक्मनामे के रूप में है. वर्ष 2011 के बाद हिमाचल को बढ़ी हुई हिस्सेदारी पर बिजली मिलना शुरू हो गई है, लेकिन बीबीएमबी के प्रोजेक्ट्स के तहत 1966 से भाखड़ा डैम, 1977 से डैहर बिजली परियोजना और 1978 से पोंग डैम प्रोजेक्ट से एरियर मिलना अभी भी बाकी है. बार बार की वार्ता के बाद पंजाब और हरियाणा इस एरियर का भुगतान नकद करने को तैयार नहीं है, लेकिन एरियर की बिजली चुकाने को तैयार हैं. जो बिजली देने को दोनों राज्य तैयार हैं, वो कुल 1300 करोड़ यूनिट बनती है. यदि मामला सिरे चढ़ा और सुक्खू सरकार राजी हुई तो बिजली हिमाचल को मिलेगी.