मुंबई: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र में महायुति की जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में तेजी लाने के लिए एक 'अच्छा संदेश' करार दिया. साथ ही कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने पीएम मोदी द्वारा किए गए अच्छे काम का समर्थन किया है.
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने कांग्रेस पार्टी और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की तुष्टिकरण की राजनीति को खारिज कर दिया है. पीयूष गोयल ने एएनआई से कहा कि एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा-महायुति ने शानदार जीत हासिल की है. यह जीत प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को गति देने और महाराष्ट्र के विकास को और आगे बढ़ाने के लिए एक अच्छा संदेश है.
उन्होंने मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस जीत से पता चलता है कि लोगों ने पीएम मोदी, देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार जैसे नेताओं द्वारा किए गए अच्छे काम का समर्थन किया है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने जीत हासिल की है. भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अपने सहयोगियों-शिवसेना और एनसीपी को अपने साथ लेकर शानदार जीत दर्ज की.
भाजपा ने 132 सीटें जीती हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटें जीती हैं और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं. राज्य में विधानसभा की 288 सीटें हैं. इसके विपरीत महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को करारा झटका लगा, जिसमें उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीती, कांग्रेस ने 16 सीट पर जीत दर्ज की और शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी (एसपी) को सिर्फ 10 सीटें मिली. भाजपा ने महाराष्ट्र में 148 सीटों पर चुनाव लड़कर 133 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया. पार्टी की सहयोगी शिवसेना और एनसीपी का भी स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा है.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को हुए थे. पीएम मोदी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी नीत महायुति की भारी जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में जश्न में शामिल हुए और कहा कि राज्य के लोगों ने 'नकारात्मक और परिवारवाद की राजनीति' को पराजित कर दिया है. भाजपा मुख्यालय में पार्टी सदस्यों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लिए अपने दम पर चुनाव जीतना मुश्किल है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस अब परजीवी पार्टी बन गई है, उसके लिए अपने दम पर सरकार बनाना मुश्किल होता जा रहा है. कांग्रेस न केवल अपनी नाव डुबोती है, बल्कि अपने सहयोगियों की नाव भी डुबोती है. आज हमने महाराष्ट्र में भी यही देखा है.'