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अब 30 हजार लोगों की बुझेगी प्यास, पेयजल योजना का मंत्री विक्रमादित्य ने किया लोकार्पण

मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की चलाहल पंचायत की सैंज खड्ड पर पेयजल योजनाओं को लोगों को समर्पित किया.

विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री
विक्रमादित्य सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 3 hours ago

शिमला: हिमाचल में पीडब्ल्यूडी एवं शहरी विकास मंत्री ने शनिवार को शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की चलाहल पंचायत के सैंज खड्ड पर 4.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित बसंतपुर-कहलवी-नड़ूखर-घराटनाला पेयजल योजना को लोगों के लिए समर्पित किया.

मंत्री ने नग्गर में 2.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाशीर फिश हैचरी फार्म का उद्घाटन किया. इन दोनों योजनाओं की आधारशिला विक्रमादित्य सिंह के पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने रखी थी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल योजना’ के अंतर्गत निर्मित की गई इस योजना से 11 पंचायतों बसंतपुर, शकरोडी, घरयाणा, रियोग, लाहल, जुनी, कोटला, मढोड़घाट, नेहरा, थाची और चेबड़ी पंचायत के 211 गांवों के करीब 30 हजार लोगों को पर्याप्त पेयजल सुविधा मिल सकेगी. प्रदेश के हर व्यक्ति को प्रतिदिन 70 लीटर पेयजल मिले, इसके लिए पूरे प्रदेश में नई पेयजल योजना का निर्माण और पुरानी पेयजल योजनाओं का संवर्धन किया जा रहा है.

महाशीर फिश हैचरी फार्म का उद्घाटन

विक्रमादित्य सिंह ने नग्गर में ही 2.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाशीर फिश हैचरी फार्म का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश के निचले क्षेत्रों में ही मछली उत्पादन एवं बीज से ब्रीड तैयार करने का कार्य किया जाता था लेकिन यह पहला मौका है कि प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र नग्गर में भी मत्स्य विभाग के प्रयासों से मछली के बीच से ब्रीड तैयार की जाएगी.

इस फिश हैचरी फार्म में जल्द ही 35 हजार मछलियों के बीज फार्म में बने सात तालाबों में डाले जाएंगे और मछली की ब्रीड तैयार कर गोविंद सागर व अन्य झीलों में डाली जाएगी ताकि मछलियों का अधिक से अधिक उत्पादन संभव हो सके. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने इन दोनों योजनाओं की आधारशिला रखी थी. आज यह दोनों योजनाएं पूर्ण रूप से निर्मित कर क्षेत्र के लोगों को समर्पित कर दी गई हैं.

छुटे हुए गांवों के लिए बनेगी अलग योजना

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस पेयजल योजना से वंचित रहे चलाहल पंचायत के कुछ गांवों के लिए अलग से एक पेयजल योजना बनाई जाएगी जिसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को अलग से निर्मित की जाने वाली इस योजना के लिए फिजिबिलिटी चेक कर जल्द डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए. स्थानीय चलाहल पंचायत के विकास के लिए इन दो सालों के दौरान 16 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. इसके अतिरिक्त 17 करोड़ रुपये के बिजली, सड़क निर्माण और पेयजल योजनाओं के निर्माण के कार्य जारी हुए हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्की से बचाने की कवायद, सुक्खू सरकार सोमवार को हाईकोर्ट रजिस्ट्री में जमा करेगी 64 करोड़ का ड्राफ्ट

शिमला: हिमाचल में पीडब्ल्यूडी एवं शहरी विकास मंत्री ने शनिवार को शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की चलाहल पंचायत के सैंज खड्ड पर 4.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित बसंतपुर-कहलवी-नड़ूखर-घराटनाला पेयजल योजना को लोगों के लिए समर्पित किया.

मंत्री ने नग्गर में 2.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाशीर फिश हैचरी फार्म का उद्घाटन किया. इन दोनों योजनाओं की आधारशिला विक्रमादित्य सिंह के पिता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने रखी थी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल योजना’ के अंतर्गत निर्मित की गई इस योजना से 11 पंचायतों बसंतपुर, शकरोडी, घरयाणा, रियोग, लाहल, जुनी, कोटला, मढोड़घाट, नेहरा, थाची और चेबड़ी पंचायत के 211 गांवों के करीब 30 हजार लोगों को पर्याप्त पेयजल सुविधा मिल सकेगी. प्रदेश के हर व्यक्ति को प्रतिदिन 70 लीटर पेयजल मिले, इसके लिए पूरे प्रदेश में नई पेयजल योजना का निर्माण और पुरानी पेयजल योजनाओं का संवर्धन किया जा रहा है.

महाशीर फिश हैचरी फार्म का उद्घाटन

विक्रमादित्य सिंह ने नग्गर में ही 2.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित महाशीर फिश हैचरी फार्म का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश के निचले क्षेत्रों में ही मछली उत्पादन एवं बीज से ब्रीड तैयार करने का कार्य किया जाता था लेकिन यह पहला मौका है कि प्रदेश के ऊपरी क्षेत्र नग्गर में भी मत्स्य विभाग के प्रयासों से मछली के बीच से ब्रीड तैयार की जाएगी.

इस फिश हैचरी फार्म में जल्द ही 35 हजार मछलियों के बीज फार्म में बने सात तालाबों में डाले जाएंगे और मछली की ब्रीड तैयार कर गोविंद सागर व अन्य झीलों में डाली जाएगी ताकि मछलियों का अधिक से अधिक उत्पादन संभव हो सके. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने इन दोनों योजनाओं की आधारशिला रखी थी. आज यह दोनों योजनाएं पूर्ण रूप से निर्मित कर क्षेत्र के लोगों को समर्पित कर दी गई हैं.

छुटे हुए गांवों के लिए बनेगी अलग योजना

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस पेयजल योजना से वंचित रहे चलाहल पंचायत के कुछ गांवों के लिए अलग से एक पेयजल योजना बनाई जाएगी जिसके लिए उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को अलग से निर्मित की जाने वाली इस योजना के लिए फिजिबिलिटी चेक कर जल्द डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए. स्थानीय चलाहल पंचायत के विकास के लिए इन दो सालों के दौरान 16 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. इसके अतिरिक्त 17 करोड़ रुपये के बिजली, सड़क निर्माण और पेयजल योजनाओं के निर्माण के कार्य जारी हुए हैं.

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Last Updated : 3 hours ago
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