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शिमला में पीट-पीटकर व्यक्ति की हत्या के बाद जला दिया था शव, हाईकोर्ट ने खारिज की 11 आरोपियों की जमानत याचिका - Himachal High Court

Himachal High Court Rejects Bail Plea of 11 accused: शिमला में पीट-पीटकर व्यक्ति की हत्या करने और शव जलाने के मामले में हाईकोर्ट ने 11 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. पढ़िए पूरी खबर...

Himachal High Court
हिमाचल हाईकोर्ट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 7:57 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से कुछ ही किलोमीटर दूर एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. बाद में शव को जला दिया गया था. इस वीभत्स हत्याकांड के 11 आरोपी पकड़े गए थे. इन आरोपियों ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी. अदालत ने सभी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने आरोपों की गंभीरता और हत्या करने के भयावह तरीके को देखते हुए आरोपी याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया.

उल्लेखनीय है कि चोरी करने के शक में और मंदिर में आग लगाने को लेकर एक व्यक्ति की हत्या की गई थी. घटना राजधानी शिमला के बालूगंज थाना क्षेत्र के गलोट पंचायत में हुई थी. इस घटना में जिन आरोपियों ने याचिका दाखिल की थी, उनमें राजीव, ताराचंद, गीताराम, शंकर लाल, राम लाल, राजेश, जगदीश, हरीश, आशीष, हेमंत और विनय का नाम शामिल है. इन पर आरोप है कि सभी ने मिलकर एक व्यक्ति को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था. साथ ही जब शव को जलाया गया तो इनमें से कुछ प्रार्थी मौके पर मौजूद भी थे.

पुलिस का कहना था कि ये मारपीट करने और हत्या में शामिल थे. ये सभी आरोपी गलोट पंचायत के शिलडू गांव के रहने वाले हैं. इस जघन्य वारदात के 11 दिन बाद मृतक की मां की शिकायत पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया था. मृतक युवक की मां तारा देवी ने कहा था कि उसका बेटा टिकमचंद पिछले 8 साल से पनेश के साथ लगते गांव खरयाड़ में सेवानंद नाम के व्यक्ति के घर में मजदूरी का काम करता था. इसी साल 22 मार्च को सेवानंद की पत्नी प्रभा देवी ने उसे फोन कर बताया कि इसके बेटे की गिरने के कारण मौत हो गई है और वे शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. सेवानंद ने भी उससे बात की थी.

मृतक की मां ने पुलिस को बताया था कि स्थानीय लोगों से उसे पता चला कि 21 मार्च को उसका बेटा शीतला माता मंदिर गया था. पुलिस जांच के दौरान पाया गया कि गांव के कुछ लोगों ने चोरी के शक में और मंदिर में आग लगाने को लेकर टिकमचंद की बुरी तरह पिटाई की थी. फिर युवक की मौत होने पर बिना अनुमति के शव को जला डाला. हाईकोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए सभी की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं.

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