शिमला:एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग और पुलिस आचार संहिता के दौरान हर तरह की गतिविधियों पर अपनी पैनी नजर रख रही है. इसी चुस्ती का नतीजा है कि 16 मार्च को आचार संहिता लगने के एक महीने बाद प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण के दौरान 5.51 करोड़ रुपये की शराब पकड़ी जा चुकी है. देश में 18वीं लोकसभा सहित कई राज्यों में विधानसभा की खाली सीटों पर उपचुनाव के ऐलान के साथ ही 16 मार्च से सभी राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. हिमाचल में आखिरी चरण में 01 जून को मतदान होना हैं. चुनावी प्रक्रिया के लिए 07 मई को अधिसूचना जारी होगी. ऐसे में अब नई योजनाएं घोषणा सहित वित्तीय मंजूरी नहीं दी जा सकती है.
वहीं राजनीतिक दल चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे और शराब सहित अन्य प्रलोभन नहीं दे सकते हैं. ऐसा करने पर नियमों में कड़ी सजा का प्रावधान हैं, लेकिन इतनी सख्ती के बाद भी छोटे पहाड़ी राज्यों में चुनाव के दौरान वोटरों को प्रलोभन देने के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही शराब सहित अन्य लालच देकर मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास शुरू हो गया है. वहीं हिमाचल में चुनाव 'लाल परी' की भेंट न चढ़े इसके लिए एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग और पुलिस की आचार संहिता के दौरान हर तरह की गतिविधियों पर पैनी नजर है. इसी चुस्ती का नतीजा है कि 16 मार्च को आचार संहिता लगने के बाद एक महीने की अवधि में प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण के दौरान 5.51 करोड़ शराब पकड़ी जा चुकी है.
आचार संहिता में 7.85 करोड़ की जब्ती
प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के लिए 16 मार्च से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. 16 मार्च से 16 अप्रैल के बीच एक महीने की अवधि में विभिन्न विभागों ने अब तक 7,85,51,662 रुपये की अवैध शराब, नकदी, आभूषण आदि जब्त किए जा चुके हैं. इसमें 5.51 करोड़ की 3,81,343 लीटर शराब जब्त की गई है. इसके अलावा पुलिस ने अब तक 64.18 लाख की 32 किलो चरस, 1.03 करोड़ कीमत की 1.47 किलो हेरोइन और 25 लाख की नकदी जब्त की है. वहीं अब तक करीब 3.35 लाख के सोने और चांदी के गहने भी जब्त किए जा चुके हैं. विभिन्न विभागों की ओर से ये कार्रवाई निरंतर जारी है.
हर बार बढ़ रहे केस
हिमाचल में चुनाव के दौरान शराब का खूब दौर चलता है. मतदाताओं को प्रलोभन देने के लिए प्रदेश में शराब बांटी जाती है. इस बात की गवाही चुनाव आयोग की ओर से जारी शराब जब्ती के आंकड़े करते हैं. निर्वाचन विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में चुनाव के दौरान हर बार एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों का आंकड़ा बढ़ा हैं. इसके तहत साल 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव के दौरान एक्साइज एक्ट के तहत 176 मामले दर्ज हुए थे. इसके तीन साल बाद ही प्रदेश में वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या बढ़कर 337 हो गई. इसी तरह से 2019 में 17 वीं लोकसभा चुनाव के दौरान एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों की संख्या 734 तक पहुंच गई. हालांकि प्रदेश में वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज होने वाले मामलों में कुछ कमी देखी गई थी. उस दौरान प्रदेश भर में एक्साइज एक्ट के तहत कुल 651 मामले दर्ज किए गए.
ये भी पढ़ें:नशे के खिलाफ कुल्लू पुलिस की कार्रवाई, 3 आरोपी चरस और हेरोइन के साथ गिरफ्तार