सिविल अस्पताल सोलन में में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन सोलन:हिमाचल प्रदेश में 28वें दिन भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. एनपीए बहाली समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदेशभर में डॉक्टर लगातार अस्पतालों में प्रदर्शन कर रहे हैं. शिमला में बीते कल, मंगलवार को डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर अपनी बात रखी, लेकिन डॉक्टरों की इस बैठक में सहमति नहीं बन पाई. जिसके चलते डॉक्टरों ने आज 28वें दिन भी प्रदर्शन को जारी रखा है.
कमेटी का होगा गठन:सोलन के सिविल अस्पताल में भी डॉक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर बुधवार को अपना प्रदर्शन जारी रखा गया है. हालांकि ओपीडी में सेवाएं सुचारू रूप से जारी हैं. हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन सोलन इकाई के प्रधान डॉ. कमल अटवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि कल उनकी सीएम सुक्खू से अपनी मांगों को लेकर बात हुई है, लेकिन इस बातचीत में कोई भी सहमति नहीं बन पाई है. सरकार की ओर से एक कमेटी बनाने की बात कही गई है. जो इस पूरे मामले को देखेगी और डॉक्टरों की मांगों पर विचार करेगी. जिसके बाद इसकी सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.
काले बिल्ले लगाकर अस्पताल में डॉक्टरों का प्रदर्शन सरकार को डॉक्टरों की चेतावनी: डॉ. अटवाल ने कहा कि पिछले साल भी इसी तरह से डॉक्टरों ने अपनी मांगो को लेकर स्ट्राइक की थी. उस समय भी वार्ता के बाद कुछ नहीं हो पाया था. ऐसे में अब एक बार फिर सरकार की ओर से उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला है, लेकिन इस बार प्रदेश के डॉक्टर आश्वासन के भरोसे नहीं रहने वाले हैं. उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं देती है तो वह आने वाले दिनों में डॉक्टरों द्वारा ओपीडी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी.
18 जनवरी से प्रदर्शन जारी: गौरतलब है कि प्रदेशभर में डॉक्टर 18 जनवरी से लगातार अस्पतालों में काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं. एनपीए बहाल करने समेत अन्य मांगों को लेकर डॉक्टरों ने प्रदर्शन शुरू किया है. इसमें डॉक्टरों की मुख्य मांग एनपीए बहाल करना है. इसके साथ ही 4-9-14 पे स्केल की बहाली, एड्स कंट्रोल सोसायटी में परियोजना निदेशक का कार्यभार वापस स्वास्थ्य निदेशक को दिया जाए, इसी के साथ पात्रता एवं वरिष्ठता के आधार पर निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं, जेडी, डीडी, सीएमओ, एसएमएस, बीएमओ को वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन दी जाए और किसी को भी रिटायर होने के बाद एक्सटेंशन न दी जाए.
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