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हिमाचल सीपीएस नियुक्ति मामला, हाईकोर्ट में याचिका पर अब 8 मई को होगी सुनवाई - Himachal CPS appointment case - HIMACHAL CPS APPOINTMENT CASE

Himachal CPS Appointment Case: सीपीएस नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अब हाईकोर्ट में 8 मई को सुनवाई होगी. मामले में राज्य सरकार की तरफ से बहस की जानी है. पढ़िए पूरी खबर...

हिमाचल सीपीएस नियुक्ति मामला
हिमाचल सीपीएस नियुक्ति मामला

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 10:16 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर तीन दिनों से लगातार चल रही सुनवाई अब 8 मई के लिए टल गई है. हिमाचल हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर एवं न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ के समक्ष 22 अप्रैल सोमवार से सुनवाई शुरू हुई थी. सोमवार को प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी कर ली गई थी. वहीं, मंगलवार और बुधवार को कुछ सीपीएस की ओर से बहस पूरी हुई. इसी तरह याचिका दाखिल करने वाले प्रार्थियों की ओर से भी बहस पूरी कर ली गई. अब इस मामले में प्रदेश सरकार की ओर से बहस की जानी है. खंडपीठ ने इसके लिए मामले को 8 मई को सूचीबद्ध करने के आदेश जारी किए.

मामले पर सुनवाई के दौरान सीपीएस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वे केवल मंत्रियों को उनके कार्यों में सहायता प्रदान करते हैं. उनका मंत्रिमंडल के कार्यों से कोई लेना देना नहीं नहीं है. सीपीएस की ओर से कहा गया कि उनकी नियुक्ति कानून के अनुसार की गई है और उनकी नियुक्ति से किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं होता. प्रार्थियों की ओर से सीपीएस नियुक्ति से जुड़े कानून को चुनौती देते हुए इस कानून को बनाने की सरकार की योग्यता पर प्रश्न चिन्ह उठाया गया है.

प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है. इसलिए इनके द्वारा किया गया कार्य भी अवैध है. इतना ही नहीं इनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए. प्रार्थियों की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा गया कि इन्हें एक पल के लिए भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है.

उल्लेखनीय है कि 2 अप्रैल को कोर्ट ने अगली तारीख निर्धारित करते हुए स्पष्ट किया था कि आगामी तारीख से इस मामले पर सुनवाई डे टुडे आधार पर होगी. कोर्ट ने इस मामले में सभी सीपीएस को मंत्रियों वाली सुविधाएं लेने और मंत्रियों वाले कार्य करने पर रोक लगा रखी है. अब उनके सीपीएस बने रहने से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई हो रही है. कोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि सभी सीपीएस कानून के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं. सरकार ने पहले ही स्पष्ट किया था कि कोई भी सीपीएस मंत्रियों वाली सुविधाएं भी नहीं ले रहे है.

यहां बता दें कि भाजपा नेता सतपाल सत्ती सहित 12 भाजपा विधायकों ने सुखविंदर सिंह सरकार द्वारा लगाए गए छह सीपीएस की नियुक्ति को चुनौती दी है. याचिका में अर्की विधानसभा क्षेत्र से सीपीएस संजय अवस्थी, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल की नियुक्ति को चुनौती दी गई है. इस मामले में सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल ने आग्रह किया है कि इस केस में वरिष्ठतम वकील सरकार एंगेज करना चाहती है. इसके लिए अदालत से समय मांगा गया. सम्भवतः अगली सुनवाई में कपिल सिब्बल व मुकुल रोहतगी बहस करेंगे.

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