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लाहौल में चुनाव प्रचार में जुटे भाजपा के बागी नेता, निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव या थामेंगे किसी पार्टी का दामन! - Himachal BJP Crisis - HIMACHAL BJP CRISIS

Himachal By Election 2024: हिमाचल प्रदेश में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा के बाद से पार्टी में बगावत का दौर शुरू हो गया है. लाहौल स्पीति से बागी नेता डॉ. रामलाल मारकंडा ने चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है.

Himachal By Election 2024
Ramlal Markanda Election Campaign in Lahaul Spiti

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 28, 2024, 11:28 AM IST

लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी चुनावी रण में उतार दिए हैं. भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस के बागी 6 नेताओं को उम्मीदवार बनाया है. जिसके चलते भाजपा के अंदर कार्यकर्ताओं और नेताओं में फूट पड़ना शुरू हो गई है. बागी नेताओं को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर भाजपा नेताओं में भारी रोष है.

बागी हुए रामलाल मारकंडा

लाहौल-स्पीति जिले की बात करें तो भाजपा ने यहां पर रवि ठाकुर को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है. रवि ठाकुर ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और संसद सदस्यता रद्द होने के बाद भाजपा ज्वाइन कर ली थी. वहीं, भाजपा हाईकमान के इस फैसले से नाराज पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा बगावत के रास्ते पर चल पड़े हैं. 26 मार्च को भाजपा से बागी होकर डॉ. रामलाल मारकंडा ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी.

चुनाव प्रचार में जुटे डॉ. रामलाल मारकंडा

प्रचार-प्रसार में जुटे बागी नेता

वहीं, अब बागी नेता ने अपना चुनावी अभियान भी शुरू कर दिया है. बुधवार को पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा लाहौल घाटी के त्रिलोकीनाथ मंदिर पहुंचे और भगवान का आशीर्वाद लिया. इसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ मुलाकात की और चुनाव लड़ने के बारे में कार्यकर्ताओं को अवगत करवाया. रामलाल मारकंडा ने कहा कि मेरे कार्यकर्ता ही मेरा विश्वास है और इन कार्यकर्ताओं के विश्वास के भरोसे ही मैं यह चुनाव लड़ रहा हूं. ऐसे में कार्यकर्ताओं के विश्वास से ही उनकी जीत निश्चित है.

पूर्व मंत्री की नाराजगी BJP पर भारी!

हालांकि डॉ. रामलाल रामलाल मारकंडा निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या फिर वह किसी पार्टी का दामन थामते हैं. इसको लेकर अभी तक संशय बना हुआ है, लेकिन अगर भाजपा द्वारा पूर्व मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा को विश्वास में नहीं लिया गया तो इससे भाजपा को विधानसभा के उपचुनाव में खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसके अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी लोकसभा चुनाव में भी पार्टी को भारी पड़ सकती है, क्योंकि डॉ. रामलाल मारकंडा इससे पहले तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. उन्होंने पूर्व विधायक रवि ठाकुर के साथ 2022 में भी चुनाव लड़ा था. जिसमें रामलाल मारकंडा को हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, अब ये देखने लायक होगा कि आखिर भाजपा किस तरह से अपने रूठे नेताओं और कार्यकर्ताओं को मनाती है, क्योंकि प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो जा रहे हैं.

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