न्यूयॉर्क: अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के एवज में भुगतान (हश मनी) करने से जुड़े मामले में शुक्रवार को औपचारिक तौर पर सजा सुनाई गई, लेकिन न्यायाधीश ने उनके लिए न तो जेल की सजा का ऐलान किया और न ही कोई जुर्माना या प्रतिबंध लगाया.
फैसले को ट्रंप के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है और इससे उनके व्हाइट हाउस में बतौर राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए लौटने का रास्ता भी साफ हो गया है. मैनहट्टन की एक अदालत के न्यायाधीश जुआन एम मर्चन 'हश मनी' मामले में 78 वर्षीय ट्रंप को चार साल की जेल की सजा सुना सकते थे. हालांकि, उन्होंने एक ऐसा फैसला चुना, जिसने मामले का प्रभावी ढंग से निपटारा करते हुए कई संवैधानिक मुद्दों को पनपने से रोक दिया.
![Hush Money Case](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-01-2025/23299755_fkth.jpg)
अपनी सजा की सुनवाई के दौरान उन्होंने दोहराया कि वे निर्दोष हैं. उन्होंने कहा, "सच तो यह है कि मैं पूरी तरह से निर्दोष हूं. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया...यह एक राजनीतिक षड्यंत्र है, यह मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया है."
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ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाले पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी करार देते हुए औपचारिक सजा सुनाई गई. यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप द्वारा अपने एक सहयोगी के माध्यम से पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1,30,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किए जाने से जुड़ा हुआ है, ताकि वह उनके साथ यौन संबंध बनाने की बात सार्वजनिक न करें.
US President-Elect Donald J. Trump sentenced to unconditional discharge in hush money case: Judge
— ANI (@ANI) January 10, 2025
(File photo) pic.twitter.com/UfNxiobfag
पूर्व राष्ट्रपति ने पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए भुगतान करने से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय से सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था. हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने ट्रंप की याचिका खारिज कर दी थी, जिससे न्यायमूर्ति मर्चन के लिए शुक्रवार को उनकी सजा का ऐलान करने का रास्ता साफ हो गया था. हालांकि, न्यायमूर्ति मर्चन ने संकेत दिए थे कि वह ट्रंप को जेल की सजा नहीं सुनाएंगे और न ही उन पर कोई जुर्माना या प्रतिबंध लगाएंगे.
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