शिमला:हिमाचल प्रदेश में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण दुनिया की सबसे लंबी हाईवे अटल सुरंग के बनने से लाखों सैलानी लाहौल-स्पीति के लिए आ रहे हैं. पिछले एक साल में अटल टनल सुरंग से 8 लाख 23 हजार 406 पर्यटक गुजरे हैं. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर के सवाल के लिखित उत्तर में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी. उन्होंने बताया कि अटल सुरंग के लोकार्पण के बाद घाटी में आने वाले सैलानियों की संख्या बढ़ी है. पिछली साल मई और जून के महीने में अटल टनल को देखने के लिए सबसे ज्यादा टूरिस्ट पहुंचे थे.
6 हजार से अधिक विदेशी पर्यटक
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि पिछले साल जनवरी से दिसंबर 2023 तक सबसे अधिक 8,23,406 पर्यटक अटल टनल से गुजरे हैं. इसके अलावा अटल टनल ने बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित किया है. साल 2023 में एक साल की अवधि में 6,535 विदेशी टूरिस्ट अटल टनल को निहार चुके हैं. देशी और विदेशी पर्यटकों का ये आंकड़ा हर साल बढ़ता ही जा रहा है. विधानसभा में रखे गए आंकड़ों के मुताबिक गर्मियों में मई और जून के महीने में सबसे ज्यादा पर्यटकों ने अटल टनल की खूबसूरती को निहारा है. इसमें जून महीने में सबसे ज्यादा 2,98,975 पर्यटक अटल टनल को देखने आए थे. वहीं, मई महीने में 2,29,941 सैलानी अटल टनल देखने के लिए पहुंचे थे.
अटल टनल में 2023 में पर्यटकों की आवाजाही किस महीने कितने देसी और विदेशी पर्यटक आए
- जनवरी माह में 25,729 देसी और 50 विदेशी पर्यटक आए.
- फरवरी माह में 14,679 देसी और 75 विदेशी पर्यटक आए.
- मार्च माह में 53,974 देसी और 91 विदेशी पर्यटक आए.
- अप्रैल माह में 71,789 देसी और 2 विदेशी पर्यटक आए.
- मई माह में 2,29,941 देसी और 847 विदेशी पर्यटक आए.
- जून माह में 2,98,975 देसी और 773 विदेशी पर्यटक आए.
- जुलाई माह में 22,804 देसी और 840 विदेशी पर्यटक आए.
- अगस्त माह में 11,357 देसी और 1910 विदेशी पर्यटक आए.
- सितंबर माह में 35,800 देसी और 1830 विदेशी पर्यटक आए.
- अक्टूबर माह में 18,627 देसी और 115 विदेशी पर्यटक आए.
- नवंबर माह में 11,275 देसी और 13 विदेशी पर्यटक आए.
- दिसंबर माह में 28,456 देसी और 19 विदेशी पर्यटक आए.
3 अक्टूबर 2020 को हुआ था लोकार्पण
दुनिया में सबसे लंबी अटल रोहतांग टनल का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया था. इस सुरंग के बनने से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है. अटल टनल की लंबाई 9.02 किलोमीटर है. जो साल भर अन्य क्षेत्रों को लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखती है. बता दें कि अटल टनल के बनने से पहले बर्फबारी की वजह से घाटी 6 महीने के लिए शेष क्षेत्रों से कट जाती थी, लेकिन अब टनल के बनने से ये समस्या दूर हो गई है. इस ऐतिहासिक टनल को बनाने का फैसला पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 3 जून 2000 में लिया गया था.
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