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राजस्थान में गर्मी का सितम जारी, मानसून को लेकर मिली खुशखबरी, वक्त से पहले होगी एंट्री - Heat wave in Rajasthan - HEAT WAVE IN RAJASTHAN

प्रदेश में आधा मई गुजरने के बाद गर्मी अपने विकराल रूप में आने लगी है. दोपहर बाद सूरज की किरणें आग उगलती महसूस होती है. गुरुवार को राज्य के अधिकांश भागों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. मौसम विभाग ने अगले 5 दिन लू चलने की चेतावनी जारी की है. इस बीच मानसून की एंट्री को लेकर भी खुशखबरी मिल रही है.

Heat wave in Rajasthan (file photo)
राजस्थान में गर्मी का सितम(फाइल फोटो मौसम विभाग) (photo etv bharat jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 16, 2024, 2:06 PM IST

जयपुर. प्रदेश में हीट वेव के अलर्ट के बीच आगामी 72 घंटे में प्रदेश के तापमान में 2 से 4 डिग्री तक की बढ़ोतरी की संभावना है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया है, जिससे हवा उल्टी घूमती है. वायुमण्डल की दो परतों के बीच हवा का संचरण कम होने से तापमान में बढ़ोतरी होती है. ऐसे में 17 और 18 मई को जोधपुर और बीकानेर संभाग में अधिकतम तापमान 45 से 47 डिग्री के मध्य रहेगा और भीषण लू प्रभाव नजर आएगा.

प्रदेश में बुधवार को सर्वाधिक तापमान गंगानगर में 44.4 डिग्री सेल्सियस रहा, तो पश्चिमी राजस्थान में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री के बीच दर्ज किया गया. यहां यहां हीट वेव का असर भी नजर आया. मौसम विभाग के मुताबिक कल फलौदी और जैसलमेर में पारा 44 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, तो जोधपुर में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस रहा. राज्य के 10 शहरों में दिन का तापमान 43 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया, वहीं जयपुर का तापमान 42.4 डिग्री रहा.

पढ़ें: दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई को केरल पहुंचने की संभावना

यहां 43 डिग्री से ऊपर रहा तापमान ( डिग्री सेल्सियस में)

गंगानगर - 44.4
जैसलमेर - 44
फलौदी - 44
धौलपुर - 43.8
फतेहपुर - 43.4
करौली - 43.3
अंता - 43.3
वनस्थली - 43.2
जालोर - 43.2
संगरिया - 43.1

मानसून को लेकर खुशखबरी : इस बार समय से पहले ही मानसून की एंट्री के संकेत मिल रहे हैं. दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई के आसपास केरल पहुंचने का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार आमतौर पर केरल में मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख एक जून होती है. जो 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है. लेकिन इस बार समय से करीब 36 घंटे पहले मानसून की एंट्री होगी. मानसून के उत्तर की ओर बढ़ने पर चिलचिलाती गर्मी से राहत मिल सकती है. अल नीनो प्रणाली के कमजोर पड़ने पर ला नीना की स्थितियां बेहतर हुई है. उत्तर भारत में मानसून के 27 जून तक पहुंचने की उम्मीद है.

खेती को मिलेगा फायदा : कृषि क्षेत्र के लिए मानसून अच्छी खबर लेकर आया है. दक्षिण- पश्चिम मानसून के 31 मई के आसपास केरल पहुंचने के अनुमान के बाद साल 2024 में औसत से अधिक बारिश का अनुमान लगाया गया है. पिछले साल अनियमित मौसम से कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ था. ऐसे में इस साल औसत बारिश 106 फीसदी होने की उम्मीद है. ग़ौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मानसून महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. मानसून की बारिश देश के जलाशयों और जलभृतों को रिचार्ज करने के लिए भी महत्वपूर्ण है.

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