हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

हिमाचल में कमजोर हो रहा लोगों का दिल, अचानक हो रही है मौत, डॉक्टर ने दी ये सलाह

Heart Attack Cases In Himachal: हिमाचल प्रदेश में हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हाल ही में ही शुक्रवार रात को हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी प्रोफेसर सिम्मी अग्निहोत्री का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. शुक्रवार को ही हिमाचल प्रदेश के गृह सचिव अभिषेक जैन को हाई अटैक आने पर आईजीएमसी अस्पताल शिमला में एडमिट करवाया गया है. अब ये हार्ट के लक्षण और क्या करना चाहिए... आइए जानते हैं.

Heart Attack Cases In Himachal
Heart Attack Cases In Himachal

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 11, 2024, 9:09 AM IST

Updated : Feb 11, 2024, 9:15 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोगों में खासकर युवाओं में अचानक हार्ट अटैक के मामले बढ़ने लगे हैं. आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी विभाग में 60 से 70 फीसदी मरीज हार्ट अटैक के कारण आ रहे हैं, जबकि 15 फीसदी हार्ट डिजीज के होते हैं और अन्य बाकी हार्ट फेलियर के आ रहे हैं. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिमाचल वासियों का दिल कमजोर होता जा रहा है. इसी को लेकर जब आईजीएमसी में कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉक्टर पीसी नेगी से बात की गई उन्होंने हार्ट अटैक के तीन मुख्य कारण बताए हैं.

ये भी पढ़ें-डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी का दिल का दौरा पड़ने से निधन

हार्ट अटैक के 3 मुख्य कारण:डॉक्टर पीसी नेगी ने हार्ट अटैक के तीन मुख्य कारण बताए हैं. उन्होंने पहला कारण बताया है कि 30 प्लस लोग जिसमें 40-50 साल के लोगों में जोसैटन अटैक पड़ रहा है वह हार्टअटैक है जिसका मुख्य कारण आर्टिरीज में ब्लॉकेज होता है. जिससे हार्ट तक ब्लड नहीं पहुंच पाता और हार्ट बीट बढ़ जाने से वह नियंत्रण में नहीं होता और हार्ट अटैक पड़ता है. ऐसे में यदि समय पर अस्पताल ना पहुंचाया जा सके जो व्यक्ति की मौत हो जाती हैं.

हार्ट अटैक के लक्षण.

दूसरा कारण:वहीं, दूसरा कारण अनुवांशिक (Heredity) भी बताया है. इसमें युवाओं में हार्ट की बीमारी के कोई सिस्टम नहीं होते हैं, लेकिन अचानक उनके हार्ट बीट बढ़ जाती है और आंतरिक अनियंत्रित होने कारण व्यक्ति की मौत हो जाती है. दिल की धड़कन का कभी अनियमित होना अनुवांशिक हो सकता है. ऐसे मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखते और अचानक मौत हो जाती है.

तीसरा कारण:तीसरा मुख्य कारण मसल्स के थिकनस का बढ़ना हार्ट अटैक का कारण बन जाता है. इसमें व्यक्ति की हार्ट बीट बढ़ जाती है. बीपी डाउन जाने लगता है और यदि समय पर इलाज ना मिले तो व्यक्ति की मौत हो जाती है. ऐसा ज्यादा कर मिडल एज में पाया जाता है. डॉक्टर पीसी नेगी ने बताया है कि कारण कोई भी हो अटैक पड़ने के दौरान मरीज को अस्पताल में ले जाने के लिए प्रयास करना चाहिए और अस्पताल में इसका इलाज कराना चाहिए.

कार्डियोलॉजी में में 60 से 70 फीसदी हार्ट अटैक की ओपीडी:डॉक्टर पीसी नेगी ने बताया कि आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग में प्रतिदिन 60 से 70 फीसदी मरीज हार्ट अटैक के आते हैं, जबकि 15 फीसदी मरीज हार्ट के डिजीज के कारण होते हैं, जबकि अन्य मरीज हार्ट फेलियर के होते हैं जिनका इलाज किया जाता है.

एक्सपर्ट की सलाह.

ये है हार्ट अटैक के लक्षण:हार्ट अटैक के लक्षणों में छाती, गर्दन, पीठ, या बांंहों में खिंचाव या दर्द के साथ थकान, चक्कर, असामान्य हृदयगति, और चिंता शामिल होती है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक असामान्य लक्षणों की संभावना होती है.

क्या करना चाहिए:जब भी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण हों और उसे अटैक पड़े तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए. डॉक्टर पीसी नेगी ने बताया कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि यह गैस्टिक की पेन है मस्कुलर पेन है या सर्वाइकल के पेन है, क्योंकि ऐसा करने में समय बर्बाद होगा और व्यक्ति की मौत हो सकती है, इसलिए तुरंत अस्पताल पहुंचाना चाहिए जिस समय पर मरीज को इलाज मिल सके.

ये भी पढ़ें-डिप्टी सीएम की पत्नी के बाद IAS अभिषेक जैन को भी आया हार्ट अटैक, IGMC में एडमिट

Last Updated : Feb 11, 2024, 9:15 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details