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नैनीताल में सरकारी संपत्ति पर कब्जे का मामला, याचिकाकर्ता को मिलेगी सुरक्षा, HC ने दिए निर्देश

नेपाल मूल के लोगों द्वारा सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने के मामले में HC ने याचिकाकर्ता पवन जाटव को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं.

NAINITAL HIGH COURT
नैनीताल हाईकोर्ट (PHOTO- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

नैनीताल:सरकारी जमीनों पर नेपाली मूल के लोगों द्वारा किए गए कब्जा, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीदी गई संपत्ति और फर्जी दस्तावेजों की जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायाधीश विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने एसएसपी को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. याचिकाकर्ता पवन जाटव ने हाईकोर्ट में सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि बीते दिनों उनके द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद से कुछ लोग उन्हें धमका रहे हैं, जिससे उनकी जान को खतरा है.

मामले के अनुसार नैनीताल निवासी पवन जाटव ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि बीते कई वर्षों से नेपाल से आए लोगों ने नैनीताल शहर व नैनीताल जिले के ग्राम सभा के खुरपाताल के तोक खाड़ी स्थित बजून चौराहे के पास करीब 25 परिवार के लोगों द्वारा सरकारी और नजूल भूमि पर कब्जा करके आवासीय निर्माण कर लिया गया है. इन लोगों ने ना ही कोई नागरिकता हासिल करने के लिए प्रार्थना पत्र लगाया और ना ही किसी तरीके से भारत की नागरिकता हासिल की.

अवैध तरीके से यहां के दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइ‌विंग लाइसेंस, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और स्वास्थ्य कार्ड अवैध तरीके से बनाकर सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. साथ ही वोटर लिस्ट,पैन कार्ड और आधार कार्ड बनाकर वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराकर पानी और बिजली के कनेक्शन भी अवैध तरीके से हासिल कर लिए हैं.

इस संबंध में कई बार इसकी शिकायत जिला प्रशासन व राज्य सरकार के उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन उनकी शिकायत का कोई निराकरण नहीं हुआ. यही नहीं ये लोग ड्रग्स की तस्करी भी कर रहे हैं. इससे क्षुब्ध होकर उनको न्यायालय की शरण लेनी पड़ी. याचिका में उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की है कि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए और जिन अधिकारियों ने उन्हें ये प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उनके खिलाफ भी विभागीय व दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं.

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