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हरिद्वार में कांग्रेस-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर, जानिए यहां इलाकों में क्या हैं मुख्य समस्याएं? - NIKAY CHUNAV 2025

हरिद्वार में इस बार चुनावी मुकाबला कड़ा है, जनता की अपनी समस्याएं हैं और उन्हें उम्मीद भी है अपने इलाके के उम्मीदवार से...देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

HARIDWAR NIKAY CHUNAV 2025
हरिद्वार से ईटीवी भारत की चुनावी माहौल पर ग्राउंड रिपोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 22, 2025, 1:30 PM IST

हरिद्वार: प्रदेश में निकाय चुनाव के प्रचार का शोर थम गया है. 23 जनवरी को मतदान का दिन है. इस बीच अब हर कोई पार्टी अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं हरिद्वार में इस बार जनता के कई मुद्दे हैं और कई समस्याएं भी हैं. लोग ऐसे उम्मीदवार को अपना वोट देना चाहते हैं जो उनकी समस्याओं का समाधान करे. इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने हरिद्वार की जनता का मन जाना और जनता द्वारा बताए गए मुद्दे जानने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों से बातचीत की.

व्यापारियों ने बताया कॉरिडॉर का मुद्दा अहम: बता दें कि इस बार के नगर निकाय चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा हरिद्वार के व्यापारियों ने कॉरिडोर का बताया. व्यापारियों का कहना था कि कॉरिडोर को लेकर आमजन व व्यापारियों में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सरकार को कॉरिडोर की डीबीआर सार्वजनिक करनी चाहिए और व्यापारियों के हित में फैसला लेना चाहिए.

हरिद्वार से ईटीवी भारत की चुनावी माहौल पर ग्राउंड रिपोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)

जनता जलभराव की समस्या से परेशान: वहीं धर्म नगरी हरिद्वार में सालों से चली आ रही जलभराव की समस्या को भी आम जनता ने इस चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया है. हरिद्वार की जनता का कहना है कि पिछले कई साल से हरिद्वार में जलभराव की समस्या है, बावजूद इसके हर साल कई प्लान बनाए जाते हैं. कई दावे किए जाते हैं. लेकिन इसका हल नहीं हो रहा है. इसलिए जल भराव की समस्या भी इस बार के चुनाव में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है.

सरकारी मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिया जाना भी एक मुद्दा: वहीं उत्तराखंड सरकार द्वारा हरिद्वार के सरकारी मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने का भी मुद्दा इस चुनाव में गरमाया हुआ है. इसी के साथ जनता सफाई व्यवस्था व वार्डों और सड़कों की खस्ता हालत को भी मुद्दा बना रही है.

कांग्रेस नेताओं ने कहा हम जन समस्याओं को मुद्दा बनाया: जब इस विषय पर कांग्रेस के नेताओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कि हमारे द्वारा कॉरिडोर और हरिद्वार के मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने की बातों को जनता के बीच में रखा गया है और जनता का भी भरपूर समर्थन हमें मिल रहा है. जनता भी बीजेपी के इस दोहरे चरित्र को अब समझ गई है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा और हरिद्वार में बढ़ रही चोरी के मामले भी यहां की अहम समस्याओं में एक है. उन्होंने कहा कि अब तक हरिद्वार में दिनदहाड़े रानीपुर मोड़ में हुई लूट विफलता को दर्शाता है, अब तक मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा ना पकड़ना जाना भी मुद्दा बना हुआ है.

बीजेपी ने कहा कांग्रेस मुद्दाहीन: वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी का कहना है कि कांग्रेस इस चुनाव में मुद्दाहीन है. उनके पास कोई भी मुद्दा चुनाव लड़ने के लिए नहीं है. इसीलिए वह जनता को बहकावे में लाने का काम कर रही है. कॉरिडोर को लेकर हमारे नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि कोई भी तोड़फोड़ कॉरिडोर के कार्य में हरिद्वार में नहीं होगी. वहीं पीपीपी मोड पर दिए जाने के मेडिकल कॉलेज के फैसले पर भी सरकार ने कहा है कि जो बच्चे जैसे वहां पर पढ़ रहे थे वैसे ही पढ़ते रहेंगे और उनकी कोई भी फीस नहीं बढ़ाई जाएगी और बच्चे भी इस बात को लेकर आश्वस्त है और उन्होंने पहले की तरह क्लासेस भी शुरू कर दी है.

हरिद्वार नगर निगम का चुनावी रण: बता दें कि 1 लाख 93 हजार मतदाताओं वाले 60 वार्ड के हरिद्वार नगर निगम में ब्राह्मण और बनिया मिश्रित जनसंख्या वाला नगर निगम है. यहां पर ठाकुर समाज के भी कुछ लोग और कुछ अल्पसंख्यक समाज के भी मतदाता हैं.

भाजपा की मेयर प्रत्याशी किरण जैसल का इतिहास: नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी ने किरण जैसल जो कि खुद दो बार पार्षद रह चुकी हैं, उन्हें मैदान में उतारा है. उनके पति सुभाष चंद्र भी मायापुर वार्ड से तीन बार पार्षद रह चुके हैं. किरण के बेटे सहित पूरा परिवार भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय है. इन्हें टिकट दिलाने में स्थानीय विधायक और सांसद की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. किरण जैसल हरिद्वार नगर निगम से मजबूत प्रत्याशी के रूप में देखी जा रही हैं.

कांग्रेस की प्रत्याशी अमरेश देवी भी नहीं हैं कम: बीजेपी की किरण जैसल के सामने अमरेश बालियान पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है. कांग्रेस पृष्ठभूमि से आने वाली अमरेश बालियान के बेटे वरुण बालियान यूथ कांग्रेस में सक्रिय हैं. हरिद्वार नगर निगम पर महिला ओबीसी आरक्षण होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रत्याशी चयन आसान नहीं था.

ये भी पढ़ें- थम गया निकाय चुनाव प्रचार का शोर, आखिरी दिन सभी पार्टियों ने झोंकी ताकत

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ये भी पढ़ें- स्ट्रांग रूम और मतगणना कक्ष पहुंचे चमोली डीएम और एसपी, व्यवस्थाओं का लिया जायजा

हरिद्वार: प्रदेश में निकाय चुनाव के प्रचार का शोर थम गया है. 23 जनवरी को मतदान का दिन है. इस बीच अब हर कोई पार्टी अपनी जीत का दावा कर रही है. वहीं हरिद्वार में इस बार जनता के कई मुद्दे हैं और कई समस्याएं भी हैं. लोग ऐसे उम्मीदवार को अपना वोट देना चाहते हैं जो उनकी समस्याओं का समाधान करे. इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने हरिद्वार की जनता का मन जाना और जनता द्वारा बताए गए मुद्दे जानने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों से बातचीत की.

व्यापारियों ने बताया कॉरिडॉर का मुद्दा अहम: बता दें कि इस बार के नगर निकाय चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा हरिद्वार के व्यापारियों ने कॉरिडोर का बताया. व्यापारियों का कहना था कि कॉरिडोर को लेकर आमजन व व्यापारियों में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. सरकार को कॉरिडोर की डीबीआर सार्वजनिक करनी चाहिए और व्यापारियों के हित में फैसला लेना चाहिए.

हरिद्वार से ईटीवी भारत की चुनावी माहौल पर ग्राउंड रिपोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)

जनता जलभराव की समस्या से परेशान: वहीं धर्म नगरी हरिद्वार में सालों से चली आ रही जलभराव की समस्या को भी आम जनता ने इस चुनाव में महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया है. हरिद्वार की जनता का कहना है कि पिछले कई साल से हरिद्वार में जलभराव की समस्या है, बावजूद इसके हर साल कई प्लान बनाए जाते हैं. कई दावे किए जाते हैं. लेकिन इसका हल नहीं हो रहा है. इसलिए जल भराव की समस्या भी इस बार के चुनाव में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है.

सरकारी मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिया जाना भी एक मुद्दा: वहीं उत्तराखंड सरकार द्वारा हरिद्वार के सरकारी मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने का भी मुद्दा इस चुनाव में गरमाया हुआ है. इसी के साथ जनता सफाई व्यवस्था व वार्डों और सड़कों की खस्ता हालत को भी मुद्दा बना रही है.

कांग्रेस नेताओं ने कहा हम जन समस्याओं को मुद्दा बनाया: जब इस विषय पर कांग्रेस के नेताओं से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कि हमारे द्वारा कॉरिडोर और हरिद्वार के मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर दिए जाने की बातों को जनता के बीच में रखा गया है और जनता का भी भरपूर समर्थन हमें मिल रहा है. जनता भी बीजेपी के इस दोहरे चरित्र को अब समझ गई है. इसी के साथ उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा और हरिद्वार में बढ़ रही चोरी के मामले भी यहां की अहम समस्याओं में एक है. उन्होंने कहा कि अब तक हरिद्वार में दिनदहाड़े रानीपुर मोड़ में हुई लूट विफलता को दर्शाता है, अब तक मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा ना पकड़ना जाना भी मुद्दा बना हुआ है.

बीजेपी ने कहा कांग्रेस मुद्दाहीन: वहीं भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी का कहना है कि कांग्रेस इस चुनाव में मुद्दाहीन है. उनके पास कोई भी मुद्दा चुनाव लड़ने के लिए नहीं है. इसीलिए वह जनता को बहकावे में लाने का काम कर रही है. कॉरिडोर को लेकर हमारे नेताओं ने स्पष्ट कहा है कि कोई भी तोड़फोड़ कॉरिडोर के कार्य में हरिद्वार में नहीं होगी. वहीं पीपीपी मोड पर दिए जाने के मेडिकल कॉलेज के फैसले पर भी सरकार ने कहा है कि जो बच्चे जैसे वहां पर पढ़ रहे थे वैसे ही पढ़ते रहेंगे और उनकी कोई भी फीस नहीं बढ़ाई जाएगी और बच्चे भी इस बात को लेकर आश्वस्त है और उन्होंने पहले की तरह क्लासेस भी शुरू कर दी है.

हरिद्वार नगर निगम का चुनावी रण: बता दें कि 1 लाख 93 हजार मतदाताओं वाले 60 वार्ड के हरिद्वार नगर निगम में ब्राह्मण और बनिया मिश्रित जनसंख्या वाला नगर निगम है. यहां पर ठाकुर समाज के भी कुछ लोग और कुछ अल्पसंख्यक समाज के भी मतदाता हैं.

भाजपा की मेयर प्रत्याशी किरण जैसल का इतिहास: नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी ने किरण जैसल जो कि खुद दो बार पार्षद रह चुकी हैं, उन्हें मैदान में उतारा है. उनके पति सुभाष चंद्र भी मायापुर वार्ड से तीन बार पार्षद रह चुके हैं. किरण के बेटे सहित पूरा परिवार भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय है. इन्हें टिकट दिलाने में स्थानीय विधायक और सांसद की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. किरण जैसल हरिद्वार नगर निगम से मजबूत प्रत्याशी के रूप में देखी जा रही हैं.

कांग्रेस की प्रत्याशी अमरेश देवी भी नहीं हैं कम: बीजेपी की किरण जैसल के सामने अमरेश बालियान पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है. कांग्रेस पृष्ठभूमि से आने वाली अमरेश बालियान के बेटे वरुण बालियान यूथ कांग्रेस में सक्रिय हैं. हरिद्वार नगर निगम पर महिला ओबीसी आरक्षण होने की वजह से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रत्याशी चयन आसान नहीं था.

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