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सिलक्यारा सुरंग के समीप बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार, प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी तेज - BABA BAUKHNAG TEMPLE IN UTTARKASHI

सिलक्यारा टनल के मुहाने पर बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. रंग रोगन के साथ प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है.

Uttarkashi Baba Baukhnag Temple
बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 24, 2025, 7:30 AM IST

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग 41 मजदूरों की जान 17 दिनों तक टनल में फंसी रहे, तमाम प्रयासों के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका. इस हादसे में सबने बाबा बौखनाग देवता पर अटूट आस्था दिखाई थी और सभी मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए प्रार्थना की. कुछ दिनों के बाद सभी मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू हुआ था. वहीं अब टनल के मुहाने के पास ही बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. सुरंग आर-पार होने पर मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी.

गौर हो कि निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के समीप बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. कार्यदायी संस्था की ओर से इसका निर्माण पूरा करने के बाद अब इसमें रंग रोगन के साथ प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. संस्था के अधिकारियों के अनुसार सुरंग के आर-पार होते ही इसमें पारंपरिक तरीके से प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

नवंबर 2023 में निर्माणाधीन चार किमी लंबी सिलक्यारा सुरंग के भीतर भारी भूस्खलन होने के कारण वहां पर 41 मजदूर फंस गए थे. उनको सुरक्षित निकालने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ पहुंचे थे. लेकिन जब सफलता नहीं मिल पाई तो सबने बाबा बौखनाग देवता पर अटूट आस्था दिखाई थी और सभी मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए प्रार्थना की. जिसके कुछ दिनों के बाद सभी मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू हुआ था.वहीं एक वर्ष बाद मंदिर बनकर तैयार हो गया है. नवयुगा कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल माह में जब सुरंग आर-पार हो जाएगी. उसके बाद वहां पर प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. वहीं निर्माण पूरा होने के बाद अब रंग रोगन का कार्य किया जाएगा.

पढ़ें-बौखनाग मेले में गढ़वाली गीतों पर जमकर झूमे अर्नोल्ड डिक्स, सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू अभियान में निभाई थी अहम भूमिका

उत्तरकाशी: सिलक्यारा सुरंग 41 मजदूरों की जान 17 दिनों तक टनल में फंसी रहे, तमाम प्रयासों के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका. इस हादसे में सबने बाबा बौखनाग देवता पर अटूट आस्था दिखाई थी और सभी मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए प्रार्थना की. कुछ दिनों के बाद सभी मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू हुआ था. वहीं अब टनल के मुहाने के पास ही बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. सुरंग आर-पार होने पर मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी.

गौर हो कि निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के समीप बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनकर तैयार हो गया है. कार्यदायी संस्था की ओर से इसका निर्माण पूरा करने के बाद अब इसमें रंग रोगन के साथ प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. संस्था के अधिकारियों के अनुसार सुरंग के आर-पार होते ही इसमें पारंपरिक तरीके से प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

नवंबर 2023 में निर्माणाधीन चार किमी लंबी सिलक्यारा सुरंग के भीतर भारी भूस्खलन होने के कारण वहां पर 41 मजदूर फंस गए थे. उनको सुरक्षित निकालने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ पहुंचे थे. लेकिन जब सफलता नहीं मिल पाई तो सबने बाबा बौखनाग देवता पर अटूट आस्था दिखाई थी और सभी मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू के लिए प्रार्थना की. जिसके कुछ दिनों के बाद सभी मजदूरों का सकुशल रेस्क्यू हुआ था.वहीं एक वर्ष बाद मंदिर बनकर तैयार हो गया है. नवयुगा कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि अप्रैल माह में जब सुरंग आर-पार हो जाएगी. उसके बाद वहां पर प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. वहीं निर्माण पूरा होने के बाद अब रंग रोगन का कार्य किया जाएगा.

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