करनाल/चरखी दादरी:हरियाणा में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ठंड के कारण आमजनमानस के साथ ही दुधारू पशुओं और पालतू जानवर भी बीमारी का शिकार हो रहे हैं. इस बीच पशु विशेषज्ञों ने पशुपालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. साथ ही पशुपालन विभाग ने गौवंश को ठंड से बचाने के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसके अलावा गौसेवकों ने गौवंश को सर्दी से बचाने के अभियान को सिर्फ कागजों तक सीमित रखने का सरकार पर आरोप लगाते हुए ठोस प्रबंध करने की मांग उठाई है.
जानिए क्या कहते हैं पशुपालक: पशुपालक सुनील कहते हैं, "ठंड में जैसे-जैसे तापमान गिरता है, वैसे ही पालतू पशुओं के शरीर का तापमान भी कम होने लगता है. ठंड में छोटे-बड़े सभी दुधारू पशुओं को बुखार, दस्त, निमोनिया के साथ कई अन्य बीमारियां हो जाती हैं. ठंड में सबसे ज्यादा नवजात और छोटे पशुओं को दस्त और निमोनिया से होती है. इन सब बीमारियों के कारण दूध की मात्रा में कमी आनी शुरू हो जाती है, जिससे पशुपालक की आजीविका पर असर पड़ता है. इस दौरान पशुपालकों को अपने पशुओं की विशेष देखभाल करने की जरूरत होती है."
इस तरह करें रहने की व्यवस्था: पशु रोग विशेषज्ञ डॉ तरसेम राणा का कहना है, "ठंड से बचने के लिए किसान पशुशाला या बाड़े के खुले दरवाजों और खिड़कियों को टाट, जूट या किसी अन्य कपड़े से ढंक दें, जिससे ठंडी हवा बाड़े के अंदर न जा सके. पशुओं को भी जूट का बोरा या मोटे कपड़े से बना बिछौना पहनाएं, जिससे पशुओं के शरीर में गर्माहट बनी रहे. पशुओं के रहने की जगह पर नमी न होने दें. इसके लिए बाड़े के बाहर अलाव जला सकते हैं. गर्म हीटर का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन पशुओं को इनसे दूर रखे. छोटे पशुओं को जरूर धूप में बाहर निकाले, जिससे वह चल फिर और दौड़ सकें. इससे उनके शरीर में ऊर्जा आएंगी."
कब और कैसे नहलाएं: पशु रोग विशेषज्ञ डॉ तरसेम राणा की मानें तो सर्दियों में पालतू पशुओं की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि इस मौसम में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया पनपते हैं. जो उन्हें बीमार कर सकते हैं. सर्दियों में धूप निकलने पर पशुओं को सप्ताह में 2 से 3 बार नहलाएं.
ऐसे बढ़ाएं दूध की मात्रा: पशु रोग विशेषज्ञ ने आगे बताया, "सर्दियों में ठंड लगने पर गाय-भैंस और अन्य दुधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन की क्षमता ज्यादा प्रभावित होती है. दूध क्षमता बढ़ाने के लिए पशुओं को हर रोज 250 ग्राम गुड़ दें. उनके आहार का विशेष ध्यान रखें. सूखा और हरा चारा दो से एक के अनुपात में दें, क्योंकि सूखा चारा शरीर में ऊर्जा बनाए रखता है. पीने के लिए रात के रखे पानी का प्रयोग ना करें. ताजा पानी ही पिलाएं, जिससे शरीर हाइड्रेट रहेगा.पशुओं को सर्दियों में ऊर्जा देने वाला आहार खिलाएं. पशुओं के शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए सरसों के तेल के साथ गुड़ को मिलाकर खिलाएं. सर्दियों में रात के समय किसान अपने पालतू जानवरों को सूखा चारा खिलाएं."