भोपाल। हरदा में फटाखा फैक्ट्री में लगी आग आखिर पेटलावद का सिक्वल क्यों बनी. क्या जांच एजेसियां बिठाया जाना, हर बार की औपचारिकता है. दोषियों को कड़ी कार्रवाई के बयान क्या केवल फौरी एक्शन होते हैं. अगर वाकई सख्ती होती है, तो इसी फैक्टी में ये आग लगने का दूसरा मौका बताया जा रहा है. किसकी शह पर अवैध पटाखा फैक्ट्री चलाने वाले राजू अग्रवाल जैसे लोग शह पाते हैं. प्रत्यक्षदर्शी से जानिए कितने लोग पटाखा फैक्ट्री में मौजूद थे. वो कौन लोग थे जिनकी रजिस्ट्रर में आखिरी हाजिरी आज दर्ज हुई. वो कौन शख्स था, जिसने इस घटना की पहली वीडियो बनाई और धमाका इतना बड़ा था कि वीडियो बनाने वाला भी घायल हो गया.
पेटलावद के बाद हरदा, कार्रवाई सबक कब बनेगी
इसके पहले एमपी पेटलावद में इसी तरह से अवैध फैक्ट्री में आग और मौतें देख चुका है. क्या उस घटना को सबक नहीं बन जाना चाहिए था. ऐसी अवैध फैक्ट्रियों पर अगर समय रहते ही कार्रवाई हो गई होती तो क्या मुमकिन था कि हरदा में इस तादात में मासूम लोगों को घायल होना और मारा जाना. क्या जांच कमेटियां दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी. ये इतने रस्मन होते हैं कि किसी हादसे के बाद बुखार की तरह उतर जाते हैं. कमेटी इस बार भी बनी है. कब तक जांच रिपोर्ट आएगी कब दोषियों को सजा सुनाई जाएगी इसका इंतजार कीजिए. इंतजार नए हादसे तक जितना लंबा भी हो सकता है.
जिला प्रशासन जाग जाता तो टल जाता हादसा
ऐसा नहीं कि ये अवैध फैकट्री अचानक लोगों की निगाह में आई हो. हरदा के आस पास ही पटाखे की कई अवैध फैक्ट्रियां चल रही है. इनके बारे में जिला प्रशासन को आम लोग कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. केवल मामला इस पैक्ट्री के मालिक राजू अग्रवाल का ही नहीं है. सोए रहे प्रशासन की भी जवाबदारी है. इस बार भी घटना की जांच लोकर 6 सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है, लेकिन क्या जांच के साथ ऐसा एक्शन हो पाएगा कि हरदा की घटना दोहराई ना जा सके.