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खादी एवं ग्रामोद्योग एक्सपो 2025 का समापन; 2.70 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज, विक्रेताओं को मिला सम्मान - KHADI VILLAGE INDUSTRIES EXPO

27 जनवरी से 10 फरवरी 2025 तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित की गई प्रदर्शनी.

खादी एवं ग्रामोद्योग एक्सपो 2025 में किया गया सम्मानित
खादी एवं ग्रामोद्योग एक्सपो 2025 में किया गया सम्मानित (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2025, 8:49 PM IST

लखनऊ : खादी एवं ग्रामोद्योग एक्सपो-2025 का भव्य समापन सोमवार को ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने किया. प्रदर्शनी 27 जनवरी से 10 फरवरी 2025 तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय गोमती नगर में आयोजित की गई थी. 15 दिनों तक चली इस प्रदर्शनी में 130 से अधिक खादी, ग्रामोद्योग और माटीकला की इकाइयों ने भाग लिया. मुख्य कार्यपालक अधिकारी के मुताबिक, प्रदर्शनी में कुल 2.70 करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की गई.

जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रदर्शनी में उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों की खादी एवं ग्रामोद्योग इकाइयों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया. खादी वस्त्रों, हस्तनिर्मित ग्रामोद्योगी उत्पादों, माटीकला से बने दैनिक उपयोग की वस्तुओं और पारंपरिक शिल्पकला से सजे उत्पादों की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया. इस आयोजन में गांधी आश्रम, हजरतगंज लखनऊ, ग्रामोदय संस्थान सीतापुर, मूरज सेवा संस्थान हरदोई सहित कई प्रतिष्ठित खादी संस्थानों ने अपने स्टॉल लगाए, जहां खादी वस्त्रों की अच्छी बिक्री हुई.

जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, इसके अलावा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए कारीगरों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया. प्रदर्शनी में सहारनपुर का लकड़ी का फर्नीचर, कन्नौज का इत्र, मुरादाबाद की पीतल की मूर्तियां, भदोही की कालीन, मुजफ्फरनगर की चादरें, बागपत का स्पेशल गुड़, लखनऊ के हस्तनिर्मित जूते-चप्पल, सीतापुर की दरी, बाराबंकी के जूट बैग और जूट से बने अन्य उत्पादों के अलावा बनारस की पारंपरिक साड़ियों को भी लोगों ने खूब पसंद किया.

जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, इसके अलावा उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, कश्मीर, पश्चिम बंगाल और राजस्थान से भी कई व्यापारियों ने भाग लिया. इनमें उत्तराखंड की जैकेट-कोट, भागलपुर (बिहार) की रेशमी साड़ियां, गुजरात की बंधेज साड़ियां एवं आर्टिफिशियल ज्वेलरी, कश्मीर के गर शूट, पश्चिम बंगाल की साड़ियां, बीकानेर व जयपुर की नमकीन उत्पाद, कानपुर का पापड़ एवं बुकनू और प्रतापगढ़ का आंवला मुरब्बा प्रमुख रहे. इन उत्पादों को लोगों ने खूब पसंद किया और बड़ी मात्रा में खरीदारी की. माटीकला के उत्पादों में कानपुर के ‘सर्वोसार्थ कलेक्शन’ द्वारा प्रदर्शित मिट्टी के कुकर, तवा, पानी की बोतल, कढ़ाही आदि को ग्राहकों का शानदार प्रतिसाद मिला. इसी तरह कल्लू मटियारी, चिनहट लखनऊ की ‘ब्लैक पॉटरी’ के सजावटी सामान और अन्य उत्पादों ने भी लोगों का ध्यान आकर्षित किया और अच्छी बिक्री दर्ज की.

जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विक्रेताओं को सम्मानित किया गया. खादी वस्त्रों की सर्वाधिक बिक्री के लिए ग्रामोदय संस्थान, सीतापुर को प्रथम, श्री गांधी आश्रम, हजरतगंज, लखनऊ को द्वितीय और मूरज सेवा संस्थान, हरदोई को तृतीय स्थान मिला. ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री में मथुरा की बीनू अग्रवाल प्रथम, मुजफ्फरनगर के कमर आलम द्वितीय और मेरठ के गुरुकृपा महिला स्वरोजगार ग्रामोद्योग संस्थान तृतीय स्थान पर रहे. माटीकला उत्पादों की बिक्री में कानपुर के सर्वोसार्थ कलेक्शन को पहला, लखनऊ के कल्लू मटियारी को दूसरा और बुलंदशहर के नदीम आलम को तीसरा स्थान मिला.

समापन समारोह में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार ने उत्कृष्ट विक्रेताओं को प्रमाण-पत्र, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया. इस अवसर पर खादी बोर्ड के संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी सिद्धार्थ यादव, वरिष्ठ संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनपी मौर्या, वित्तीय सलाहकार और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. आयोजन का सफल संचालन उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी महेंद्र प्रताप द्वारा किया गया.

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