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'उम्मीदों की फसल': बारिश के बाद चेहरे पर लौटी मुस्कान, गोपालगंज में धान की रोपनी में जुट गये किसान - PADDY PLANTATION IN GOPALGANJ

GOPALGANJ PADDY PLANTATION STARTED: देर से ही सही मॉनसून की अच्छी बारिश ने किसानों के चेहरे की मुस्कान लौटा दी है और किसान अब धान की रोपनी में जी-जान से जुट गए हैं. गोपालगंज जिले में भी किसानों ने रोपनी शुरू कर दी है. किसानों को उम्मीद है कि इस बार धान की अच्छी पैदावार होगी, पढ़िये पूरी खबर,

बारिश ने बढ़ाई उम्मीद
बारिश ने बढ़ाई उम्मीद (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 12, 2024, 5:06 PM IST

बारिश से किसानों के चेहरे खिले (ETV BHARAT)

गोपालगंजः पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिल गये हैं. लगातार बारिश से खेतों में पानी उतर आया है और किसान धान की रोपनी में जुट गए हैं. किसानों को उम्मीद है कि अभी तक जिस तरह का मौसम रहा है उससे लग रहा है कि इस बार पैदावार बढ़िया होगी.

अच्छी बारिश से खेतों में आई जान (ETV BHARAT)

'ज्यादा बारिश से हो सकता है नुकसान': जून के महीने में जिस तरह मौसम बेरुखा बना रहा, उससे किसानों की उम्मीदें कम होने लगी थीं, लेकिन देर से ही सही जिस तरह की बारिश पिछले कुछ दिनों से हुई है उसने एक बार फिर उम्मीदें लौटा दी हैं. बारिश के कारण जो बिचड़े सूखने की कगार पर थे वो रोपाई के लिए तैयार हो गये और फिर अब रोपाई जारी है. किसानों का कहना है कि "फिलहाल पर्याप्त बारिश हो चुकी है, इससे ज्यादा बारिश होगी तो फसलों को नुकसान भी हो सकता है."

खेतों में भरा पानी, धान की रोपनी शुरू (ETV BHARAT)

देर से डाले गये बिचड़ों को भी फायदाःवैसे तो पूरे जिले में धान की खेती वाले इलाकों में धान की रोपाई युद्ध-स्तर पर हो रही है लेकिन कई इलाकों में बारिश के इंतजार में किसानों ने देर से धान के बीज डाले थे. उन इलाकों में भी बारिश के कारण बिचड़े अब लहलहाने लगे हैं और जल्द ही उनकी रोपनी भी शुरू हो जाएगी.

युद्धस्तर पर हो रही धान की रोपनी (ETV BHARAT)

धान की फसल के लिए अनुकूल है मौसमः जिले के किसानों का कहना है कि इस बार मॉनसून आने में थोड़ी देर हुई. ऐसे में लग रहा था कि धान की रोपाई के लिए बोरिंग के पानी का सहारा लेना पड़ेगा, लेकिन अब मौसम पूरी तरह धान की फसल के लिए अनुकूल हो गया है. धान की खेती के लिए जितनी बारिश की जरूरत होती है वो हो चुकी है. अगर मौसम इसी तरह बना रहा तो इस साल धान की बंपर पैदावार होगी.

बारिश पर निर्भर है धान की खेतीः बिहार के नहरी इलाकों को छोड़ दें तो धान की खेती बारिश पर ही निर्भर है, क्योंकि धान की फसल को पर्याप्त पानी की जरूरत होती है. पानी नहीं मिलने पर खेतों में दरारें पड़ जाती हैं और फसल को काफी नुकसान होता है. वैसे तो अपनी फसल बचाने के लिए किसान बोरिंग के पानी का भी इस्तेमाल करते हैं लेकिन तब धान की खेती की लागत बहुत ही बढ़ जाती है. ऐसे में गोपालगंज में अच्छी बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.

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