श्रीगंगानगर. 'होशवालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है'...इस गाने के सुर जब भी कानों में पड़ते हैं, जगजीत सिंह स्मृति पटल पर छप जाते हैं. गजल सम्राट जगजीत सिंह की गजलें ना केवल भारत में बल्कि भारतीय सीमाओं के बाहर विदेशों में भी खूब सुनी गईं. अपनी मखमली आवाज से जगजीत सिंह ने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बनाई. बहुत कम लोग जानते हैं की गजल सम्राट जगजीत सिंह राजस्थान के गंगानगर से ताल्लुक रखते थे. उनका जन्म और तालीम इसी जिले में हुई थी. उनके चले जाने के बाद अब जिले का एक स्कूल उनकी यादों को संजोए रखने की कवायद कर रहा है. इस स्कूल में 150 के करीब बच्चे गजल गायकी के गुर सीख रहे हैं.
स्कूल के ऑडिटोरियम को भी जगजीत सिंह को समर्पित किया गया है. परिसर में दाखिल होने के बाद माहौल ऐसा नजर आता है कि मानो यह स्कूल नहीं, बल्कि गजल सम्राट की यादों को संजोए रखने का एक जरिया है. जगजीत सिंह की जयंती पर ईटीवी भारत ने स्कूल के बच्चे और स्टाफ से रूबरू होकर उनके दिल की बात को भी जाना. 8 फरवरी को गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्मदिन है. बता दें कि जगजीत सिंह श्रीगंगानगर में पैदा हुए और पले बढ़े थे. वो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन श्रीगंगानगर में उनका जन्मदिन को खास तरह से मनाया गया.
एक स्कूल में बनाया गया ऑडिटोरियम : जगजीत सिंह की गजल गायकी से प्रभावित होकर श्रीगंगानगर के नोजगे स्कूल में एक ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है, जो जगजीत सिंह को समर्पित है. इस ऑडिटोरियम में 150 से अधिक बच्चे गजल गायकी सीख रहे हैं. ऑडिटोरियम में विशेष रूप सजावट की गयी और उन्हें याद किया गया.