नई दिल्ली:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 2 अक्टूबर को जयंती है. यह दिन भारतीयों के लिए विशेष है. इस दिन लोग महात्मा गांधी को आजादी की लड़ाई और कई विशेष आंदोलनों के लिए याद करते हैं. जिसमें स्वराज शब्द का विशेष योगदान है. स्वराज के तौर पर महात्मा गांधी ने खादी ग्राम उद्योग की शुरुआत की थी. इसकी विशेषता यह थी कि इसमें केवल देश में बनने वाले सूत से कपड़े को तैयार किए जाते हैं.
खादी में महिला और पुरुषों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी कपड़ों पर विशेष ध्यान दिया जाता है. आज भी खादी ग्राम उद्योग के कई ग्राहक ऐसे हैं जो कई वर्षों से लगातार खरीदारी करते आते रहे हैं. इसके साथ ही 2 अक्टूबर को लगने वाले विशेष डिस्काउंट का भी इंतजार करते हैं. खादी ग्राम उद्योग में प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को 20% के डिस्काउंट के साथ बिक्री की जाती है.
फ्रांस की रहने वाली मैरी ने बताया कि वह पिछले 20 वर्षों से खादी ग्राम उद्योग से हर्बल प्रोडक्ट्स खरीद रही है. खादी के हर्बल प्रोडक्ट के ऊपर उनका अटूट विश्वास है. इसलिए जब भी वह दिल्ली आती हैं, तो खादी ग्राम उद्योग से हर्बल शैंपू, शॉप, स्किन केयर प्रोडक्ट आदि सामान जरूर खरीदती हैं.
कनॉट प्लेस में नौकरी करने वाली राशि ने बताया कि वह विशेष रूप से 2 अक्टूबर का इंतजार करती हैं. दरअसल, 2 अक्टूबर को खादी ग्राम उद्योग खादी प्रेमियों के लिए 20 फ़ीसदी की छूट रहता है. देश भर में खादी के जितने भी आउटलेट हैं उन सभी जगहों पर डिस्काउंट होती है. कनॉट प्लेस पर खादी ग्राम उद्योग का सबसे बड़ा आउटलेट मौजूद है. यही वजह है कि यहां खरीदारों की भीड़ रहती है.
द्वारका की रहने वाली मनमीत कौर ने बताया कि वह अपने योग गुरु के लिए प्रतिवर्ष कुर्ते खादी से ही खरीदती हैं. यहां मौजूद कपड़ों की क्वालिटी बेहतरीन होती हैं. उनका मानना है कि महात्मा गांधी ने जिस तरीके से स्वराज का सपना देखा था, खादी उस पर आज भी उतना ही कायम है. इसके अलावा जिस हिसाब से अपने ब्रांड नेम को बरक़रार रखा है. यह उसकी प्रमुखता को दर्शाता है.
खादी और ग्रामोद्योग का रिकार्ड कारोबार: बता दें कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन, बिक्री और नए रोजगार सृजन में नया रिकॉर्ड बनाया है. आजाद भारत के इतिहास में पहली बार खादी और ग्रामोद्योग के कारोबार 1.5 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया था. बीते 9 जुलाई 2024 को KVIC ने वित्त वर्ष 2023-24 के अनंतिम आंकड़े जारी किए हैं.
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़े पिछले सभी आंकड़ों को पीछे छोड़ते हुए वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69 फीसदी (लगभग 400%), उत्पादन में 314.79 फीसदी (लगभग 315%) और नए रोजगार के सृजन में 80.96 फीसदी (लगभग 81%) की बढ़ोत्तरी हुई है.
महात्मा गांधी के स्वराज सपने पर आज भी कायम है खादी (ETV BHARAT) वित्त वर्ष 2022-23 में वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 332.14%, उत्पादन में 267.52% और नये रोजगार सृजन के क्षेत्र में 69.75% की वृद्धि दर्ज की गई थी. स्वदेशी खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 31154.20 करोड़ रुपए थी. वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 155673.12 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक की सर्वश्रेष्ठ है.