कोटा.कोटा में होली के मौके पर कई जगहों पर झांकियां बनाई जाती है. कई झांकियां करीब 45 साल से बनाई जा रही हैं और उनका हर बार थीम अलग रहता है. यही वजह है कि इन्हें देखने के लिए हजारों की संख्या में रोजाना लोग उमड़ते हैं. ये झांकियां होली के दो दिन पहले खोल दी जाती है, जिनको देखने के लिए बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लोगों में खासा उत्साह रहता है. हर साल अलग-अलग थीम पर यह झांकियां बनाई जाती है. इस बार कोटा में होली की झांकियों में राम मंदिर से लेकर चंद्रयान-3 के विक्रम की लैंडर और कोचिंग सुसाइड तक का जिक्र किया गया है. इसके अलावा अशोक वाटिका में हुए मां सीता और भगवान हनुमान के संवाद को दिखाया गया है. दूसरी तरफ एक झांकी में भगवान विष्णु के दशावतार को दिखाया गया है.
झांकी में दिखी विद्यार्थियों की पीड़ा :नयापुरा की आदर्श होली संस्था की झांकी में इस बार कोचिंग स्टूडेंट्स के दर्द को बयां किया गया है. उन्होंने कोटा कोचिंग की झांकी के बारे में बताया कि आत्महत्या करने वाले बच्चों की क्या कहानी होती है. इस झांकी के जरिए कोटा के लोगों को सचेत किया गया है. इसमें बताया गया है कि कैसे उनके परिजन हंसी खुशी उन्हें यहां भेजते हैं और उसके बाद बच्चा पढ़ाई में पिछड़ने व अन्य कारणों से तनाव में चला जाता है व फिर आत्महत्या के बाद उसका शव यहां से जाता है. इसके अलावा अशोक वाटिका में भगवान हनुमान और मां सीता के संवाद को भी दिखाया गया है.
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झांकी में चंद्रयान-3 :आदर्श होली संस्था के संयोजक राकेश शर्मा राकू ने बताया कि कोटा से कई लोग राम मंदिर के दर्शन के लिए नहीं जा पा रहे हैं. इसलिए यहां राम मंदिर को बनाया गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भगवान राम की प्रतिमा अयोध्या में है, ठीक वैसी ही हूबहू प्रतिमा यहां बनाई गई है. साथ ही चंद्रयान-3 की भी सुंदर झांकी यहां बनाई गई है. इसमें चंद्रमा की सफेद सतह को दर्शाने के लिए चूने और सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही विक्रम और लैंडर हूबहू वैसे ही यहां खड़े किए गए हैं, क्योंकि चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर पहली बार किसी देश का झंडा लहराया है. ऐसे में हमने भी इस गौरवान्वित पल को झांकियों के जरिए दर्शाने की कोशिश की है.