शिमला: हिमाचल में समाज के कमजोर वर्गों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण दे रही है. इसके लिए नाइलेट और सी-डेक की ओर से प्रदेशभर में संचालित 97 केंद्रों में कंप्यूटर एप्लीकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और डिप्लोमा पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को प्रति माह 1000 रुपये प्रोत्साहन राशि और सरकारी कार्यालयों में छह माह की दक्षता प्रशिक्षण के दौरान 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं.
ऐसे में बीते वित्तीय वर्ष में 3,637 लाभार्थियों को इसका लाभ मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. इससे समाज में सभी को समान अवसर और संसाधन उपलब्ध हो सकें. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने ऐसे वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं जिससे वह सम्मानजनक जीवन जी सकें.
आवास सुविधा के लिए खर्च किए गए 17.25 करोड़ रुपये
सीएम सुक्खू ने कहा कि स्वर्ण जयंती आश्रय योजना के तहत 50 हजार रुपये से कम आय वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों को घर के निर्माण के लिए 1.50 लाख रुपये दिए जा रहे हैं. इसके तहत बीते वित्तीय वर्ष में 1,150 लाभार्थियों को आवास सुविधा के लिए 17.25 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश सरकार कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ पेशेवर प्रशिक्षण भी दे रही है, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें.
इसके अलावा उन्हें अपना उद्यम लगाने के लिए मशीनरी और उपकरण भी दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार 50 हजार रुपये से कम आय वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के औजारों और उपकरणों की खरीद के लिए 1300 रुपये, प्रशिक्षितों को सिलाई मशीन के लिए 1800 रुपये दे रही है.
सीएम ने कहा प्रदेश सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक, आर्थिक, कौशल विकास, पानी, स्वच्छता और सौर ऊर्जा के लिए अल्पसंख्यकों को वित्त पोषित कर रही है. उन्होंने कहा कि काजा में संयुक्त केंद्र के निर्माण पर 12.77 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने 24.45 करोड़ रुपये की 11 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. राज्य सरकार समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त करने के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि राज्य के हर व्यक्ति को समान अवसर और संसाधन मिल सकें.
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