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लीवर-हार्ट और कैंसर आदि रोगों का खतरा हो सकता है, इस प्रकार का खाना इस्तेमाल करने से, पेट-रोग एक्सपर्ट्स की चेतावनी

FSSAI का कहना है कि यदि ध्रुवीय यौगिक सामान्य खाना पकाने के तेल में 25% से अधिक है, तो इसे बदल देना चाहिए.

FRIED FOOD MAY INCREASE RISK OF CANCER AND OILY FOOD SIDE EFFECTS
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By ETV Bharat Health Team

Published : Nov 10, 2024, 8:35 AM IST

Updated : Nov 10, 2024, 9:03 AM IST

Fried Food Side Effects : ये खाद्य पदार्थ बन सकते हैं कैंसर का कारण: हममें से कई लोग सुबह के समय बहुत अधिक तैलीय भोजन जैसे पूड़ी, वड़ा, जलेबी, समोसा, ब्रेड-पकोड़ा खाते हैं. साथ ही शाम के नाश्ते के रूप में भी तैलीय सामग्री ली जाती है. अगर आप बहुत अधिक तैलीय भोजन ले रहे हैं तो एक्सपर्ट्स आपको सचेत करना चाहते हैं. क्योंकि अगर तेल को एक बार से ज्यादा उबाला जाए तो कैंसर का खतरा होने की चेतावनी दी जाती है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण- FSSAI के नियम भी यही स्पष्ट करते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय की कमी या किसी अन्य कारण से बहुत से लोग बहुत ज्यादा बाहर खाना खाते हैं. इस कारण अधिकांश लोग अधिक मात्रा में तेलयुक्त भोजन का सेवन करते हैं. लेकिन, एक्सपर्ट्स चाहते हैं कि ऐसे सभी लोग तैलीय भोजन को लेकर सावधान रहें, क्योंकि आजकल खाने में बढ़ती मिलावट के साथ-साथ खाना पकाने के तेल का चार से पांच बार इस्तेमाल करना, साफ-सफाई न रखना और सस्ते सामान का इस्तेमाल करने से सेहत पर गंभीर असर पड़ने की बात कही जा रही है. खास तौर पर चेतावनी दी गई है कि कैंसर महामारी का खतरा बढ़ सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि जितना हो सके तैलीय भोजन और बाहर का खाना खाने से सावधान रहें.

क्या कहते हैं FSSAI के नियम?
तेल को बहुत अधिक उबालने से टोटल पोलर कंपाउंड्स- TPC मुक्त कणों में बदल जाता है. FSSAI के नियमों में कहा गया है कि यदि ध्रुवीय यौगिक सामान्य खाना पकाने के तेल में 25% से अधिक है, तो इसे बदल दिया जाना चाहिए. लगभग सभी होटलों में हानिकारक खाद्य रंग, स्वाद बढ़ाने वाला नमक और सोया सॉस का प्रयोग अधिक मात्रा में किया जाता है. इसलिए, हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि सड़क किनारे खाना खाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की चेतावनी
FSSAI के नियम ही नहीं बल्कि डॉक्टर भी कहते हैं कि बाहर का खाना उतना अच्छा नहीं होता. गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. रघु डीके चेतावनी देते हैं कि मिलावटी भोजन के सेवन से रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) का सख्त होना, अल्जाइमर, लीवर और हार्ट संबंधी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, सीलिएक रोग और एसोफैगल कैंसर का खतरा रहता है. इसके अलावा, होटलों में कुछ सामग्री अक्सर अधिक बार तली जाती हैं. यह भी सुझाव दिया गया है कि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है.

डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह लें.

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टॉप टिप्स : सेहतमंद जिंदगी के लिए खाना पकाते समय जरूर करें ये काम

Fried Food Side Effects : ये खाद्य पदार्थ बन सकते हैं कैंसर का कारण: हममें से कई लोग सुबह के समय बहुत अधिक तैलीय भोजन जैसे पूड़ी, वड़ा, जलेबी, समोसा, ब्रेड-पकोड़ा खाते हैं. साथ ही शाम के नाश्ते के रूप में भी तैलीय सामग्री ली जाती है. अगर आप बहुत अधिक तैलीय भोजन ले रहे हैं तो एक्सपर्ट्स आपको सचेत करना चाहते हैं. क्योंकि अगर तेल को एक बार से ज्यादा उबाला जाए तो कैंसर का खतरा होने की चेतावनी दी जाती है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण- FSSAI के नियम भी यही स्पष्ट करते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में समय की कमी या किसी अन्य कारण से बहुत से लोग बहुत ज्यादा बाहर खाना खाते हैं. इस कारण अधिकांश लोग अधिक मात्रा में तेलयुक्त भोजन का सेवन करते हैं. लेकिन, एक्सपर्ट्स चाहते हैं कि ऐसे सभी लोग तैलीय भोजन को लेकर सावधान रहें, क्योंकि आजकल खाने में बढ़ती मिलावट के साथ-साथ खाना पकाने के तेल का चार से पांच बार इस्तेमाल करना, साफ-सफाई न रखना और सस्ते सामान का इस्तेमाल करने से सेहत पर गंभीर असर पड़ने की बात कही जा रही है. खास तौर पर चेतावनी दी गई है कि कैंसर महामारी का खतरा बढ़ सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि जितना हो सके तैलीय भोजन और बाहर का खाना खाने से सावधान रहें.

क्या कहते हैं FSSAI के नियम?
तेल को बहुत अधिक उबालने से टोटल पोलर कंपाउंड्स- TPC मुक्त कणों में बदल जाता है. FSSAI के नियमों में कहा गया है कि यदि ध्रुवीय यौगिक सामान्य खाना पकाने के तेल में 25% से अधिक है, तो इसे बदल दिया जाना चाहिए. लगभग सभी होटलों में हानिकारक खाद्य रंग, स्वाद बढ़ाने वाला नमक और सोया सॉस का प्रयोग अधिक मात्रा में किया जाता है. इसलिए, हेल्थ एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि सड़क किनारे खाना खाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं.

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की चेतावनी
FSSAI के नियम ही नहीं बल्कि डॉक्टर भी कहते हैं कि बाहर का खाना उतना अच्छा नहीं होता. गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. रघु डीके चेतावनी देते हैं कि मिलावटी भोजन के सेवन से रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) का सख्त होना, अल्जाइमर, लीवर और हार्ट संबंधी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, सीलिएक रोग और एसोफैगल कैंसर का खतरा रहता है. इसके अलावा, होटलों में कुछ सामग्री अक्सर अधिक बार तली जाती हैं. यह भी सुझाव दिया गया है कि यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है.

डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह लें.

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Last Updated : Nov 10, 2024, 9:03 AM IST
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