पटना:पूर्व मंत्री और फुलवारी शरीफ से 6 बार विधायक रहेश्याम रजक ने एक बार फिर से आज जेडीयू का 'तीर' थाम लिया. जेडीयू कार्यालय में आज विशेष मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें श्याम रजक को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सदस्यता दिलाई. इस दौरान जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, मंत्री रत्नेश सदा और मंत्री सुनील कुमार सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे. श्याम रजक ने 22 अगस्त को आरजेडी से इस्तीफा दिया था.
राजद पर परिवारवाद का आरोपः श्याम रजक 2019 में जदयू से आरजेडी में गए थे. 2020 विधानसभा चुनाव में फुलवारीशरीफ से टिकट नहीं मिला था. माना जा रहा है इस वजह से वो नाराज चल रहे थे. अब 2025 विधानसभा चुनाव से पहले श्याम रजक फिर से जदयू में वापसी की है. 2025 में विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे यह तय है. श्याम रजक ने आरजेडी पर भ्रष्टाचार और परिवारवाद का आरोप लगाया. कहा वहां घुटन महसूस हो रहा था, इसलिए नीतीश कुमार के साथ फिर से काम करने का फैसला लिया है.
"2019 में पार्टी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र कुमार यादव और विजय चौधरी ने राजद में जाने से मना किया था, लेकिन मेरी गलती थी. भावावेश में मैंने फैसला ले लिया. पिछले 4 साल से मैं वहां घुटन महसूस कर रहा था, क्योंकि वहां परिवारवाद और भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं है."- श्याम रजक, जदयू नेता
श्याम रजक की दूसरी बार जेडीयू में वापसी:1995 में फुलवारी शरीफ से पहली बार विधायक बनने वाले श्याम रजक लालू के खासमखास माने जाते थे. लंबे समय तक आरजेडी में रहे. राबड़ी देवी जब मुख्यमंत्री बनीं तो श्याम रजक को मंत्री बनने का मौका मिला था लेकिन नीतीश कुमार के बिहार की सत्ता में आने के बाद लालू से उनका मोह भंग हुआ. पहली बार श्याम रजक ने जून 2009 में आरजेडी को छोड़ा था और जेडीयू में शामिल हुए थे, उस समय वह आरजेडी राष्ट्रीय महासचिव थे.
डेढ़ दशक तक मंत्री रहे थे श्याम रजक:श्याम रजक नीतीश कुमार से मिल चुके हैं. उनके आश्वासन मिलने के बाद ही उन्होंने नई पारी जेडीयू के साथ शुरू करने का फैसला लिया है. वहीं, जेडीयू में जब शामिल हुए तो नीतीश कुमार के नजदीकी नेताओं में से एक बन गए. मंत्रिमंडल में भी उन्हें जगह दी गई. राबड़ी देवी, नीतीश कुमार और जीतनराम मांझी की सरकार में वह मंत्री रहे. नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में 14 साल तक मंत्री रहे हैं. उस दौरान कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली है.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में नया प्रयोग किया था, महादलित बनकर. श्याम रजक इस समाज से आते हैं और जमीन पर काम करने वाले नेता हैं. इनका पार्टी में फिर से स्वागत है."- संजय झा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, जदयू
2019 में आरजेडी में आए थे वापस: श्याम रजक 2019 में नीतीश कुमार से दूरी बढ़ने के बाद जेडीयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हो गए थे. आरजेडी में उन्हें महासचिव बनाया गया लेकिन फुलवारी शरीफ से टिकट नहीं दिया गया और इसके कारण श्याम रजक 2020 से ही नाराज चल रहे थे. हाल ही में लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए आरजेडी छोड़ने की घोषणा कर दी. अब दूसरी बार फिर से जेडीयू में शामिल हो रहे हैं.