पटना:बिहार की राजनीति में हर पल घटना क्रम बदल रही है. जंग के मैदान में कूदने के लिए खिलाड़ी भी सामने आ रहे हैं. जदयू के कद्दावर नेता अली अशरफ फातमीने पाला बदल लिया है. जदयू से इस्तीफा देने के बाद वह राष्ट्रीय जनता दल खेमे में जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके पीछे का कारण भी फातमी ने ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.
अली अशरफ फातमी थाम सकते हैं लालटेन: अली अशरफ फातमी उत्तरी बिहार के मजबूत नेता माने जाते हैं और दरभंगा से चार बार सांसद रहे हैं. साथ में पहली बार 1991 में लोकसभा चुनाव जीते और 2004 में अली अशरफ फातमी को केंद्र की सरकार में मानव संसाधन राज्य मंत्री बनने का मौका मिला. अली अशरफ फातमी ने राजद छोड़ जदयू का दामन थाम लिया था. लोकसभा चुनाव से पहले अली अशरफ फातमी ने जदयू छोड़ दिया है और घर वापसी की तैयारी में हैं.
'इंडिया गठबंधन से नीतीश के अलग होने के बाद मैंने इस्तीफा दिया': अली अशरफ फातमी चार बार सांसद रहे और कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़े हैं. यहां तक की विधान परिषद जाने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया. राज्यसभा जाने में दिलचस्पी जरूर थी. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान अली अशरफ फातमी ने कहा कि नीतीश कुमार जब इंडिया गठबंधन में थे तो मेरी आस्था नीतीश कुमार पर थी, लेकिन उन्होंने इंडिया गठबंधन को छोड़ दिया, इस वजह से मैंने नीतीश कुमार का साथ छोड़ना मुनासिब समझा.
"तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन मजबूती से आगे बढ़ रही है और हम तेजस्वी यादव के हाथ को मजबूत करने के लिए साथ आ रहे हैं. तेजस्वी यादव ने जिस तरीके से युवाओं को रोजगार दिया है, उसकी चर्चा पूरे देश भर में हो रही है. मुंबई में भी जब तेजस्वी भाषण दे रहे थे तो सबसे ज्यादा तालियां उनके भाषण पर बजी थी."-अली अशरफ फातमी, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव,जेडीयू
'मधुबनी से लड़ना चाहता हूं लोकसभा का चुनाव':अली अशरफ फातमी ने लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है और मोटे तौर पर भविष्य की सियासत को लेकर सहमति भी बन चुकी है. मिल रही जानकारी के मुताबिक अली अशरफ फातमी को मधुबनी लोकसभा सीट पर महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा मधुबनी से ही लड़ने की है.