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'प्लास्टिक की पन्नी थमा गया प्रशासन', मुंगेर में घुसा बाढ़ का पानी, गर्भवती चंदा बोली- 'हमारी मदद करो' - flood in Munger

FLOOD IN MUNGER: 'प्रशासन के लोग आए थे और प्लास्टिक की पन्नी दे कर गए हैं.' यह कहना है चंदा देवी का जिनका घर बाढ़ के पानी में डूब गया है. दरअसल मुंगेर में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके कारण गंगा का जल स्तर 38.62 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से मात्र 71 सेंटीमीटर नीचे है. गंगा के पानी में वृद्धि से कई निचले इलाके टापू में तब्दील हो गए हैं.

मुंगेर के कृष्णानगर में घुसा बाढ़ का पानी
मुंगेर के कृष्णानगर में घुसा बाढ़ का पानी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 12, 2024, 6:53 PM IST

Updated : Aug 12, 2024, 7:02 PM IST

मुंगेर में गंगा नदी का रौद्र रूप (ETV Bharat)

मुंगेर:बिहार के मुंगेर में गंगा एक बार फिर से उफान पर है. गंगा के रौद्र रूप के कारण कई गांवों में पानी घुस गया है. वहीं कई एकड़ खेत भी दल समाधि ले चुके हैं. ताजा मामला बरियारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कृष्णानगर गांव का है, जहां पूरे गांव में गंगा का पानी घुस गया है. इस कारण गांव के लगभग 25 घर पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं. वहीं बीते कुछ दिनों से लोगों को खासी परेशानी हो रही है.

बाढ़ के पानी में मां अपने बच्चे के साथ (ETV Bharat)

मुंगेर में गंगा नदी का रौद्र रूप:चारों तरफ से पानी से घिर जाने के कारण दर्जनों लोग अब अपने परिजनों और मवेशियों को लेकर सड़क पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं. वहीं बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों को सरकारी व्यवस्था के तहत अब तक कुछ नहीं मिल पाया है. जानकारी के अनुसार कृष्णानगर गांव में 200 से अधिक लोग रहते हैं,जिसमे से अधिकांश लोग दैनिक मजदूरी और मवेशी पालन करते हैं.

मुसीबत में जी रहे लोग (ETV Bharat)

कृष्णानगर गांव में घुसा पानी: पूरे गांव में बाढ़ का पानी घुसने से जिन लोगों का पक्का का मकान है वे अपने छत पर गुजारा कर रहे हैं,तो दूसरी तरफ लोगों को पानी मे घुस कर ही अपना जीवनयापन करना पड़ रहा है. गांव से सटे बहियार में लगे सैकड़ों एकड़ खेत में लगे धान के फसल भी डूब गए हैं. कृष्णानगर गांव के अधिकांश घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.

मुंगेर में गंगा का रौद्र रूप (ETV Bharat)

प्रशासन को लेकर बाढ़ पीड़ितों में नाराजगी: ग्रामीणों में आनंदी प्रसाद यादव,रौशन कुमार,चंदा देवी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा अब तक नाव की भी व्यवस्था नहीं की गयी है. पानी में तैरकर ही घर जाना पड़ता है. कुछ लोग सड़क किनारे झोपड़ी बनाने लगे हैं.जबकि कुछ लोग हाइवे पर शरण ले रहे हैं. वहीं खाना-पानी के साथ रेस्क्यू और डॉक्टर को उपलब्ध कराने की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है.

"छह दिन से पूरा घर में पानी भर गया है. हम सब रोड पर आ गए हैं. मवेशी को भी रोड में ही रख रहे हैं. हमें कोई जगह नहीं है. भूखे प्यासे सब समय काट रहे हैं."-आनंदी प्रसाद यदाव, बाढ़ पीड़ित

"हमारे घर में पानी घुस गया है. रहने खाने-पीने की दिक्कत हो रही है. हमारा घर पानी में डूब गया है और प्रशासन के लोगों ने आकर हमें प्लास्टिक की पन्नी दी है. मैं गर्भवती भी हूं. हमें मदद की जरूरत है."-चंदा देवी,गर्भवती महिला,बाढ़ पीड़ित

"बाढ़ आने से तकलीफ बढ़ गई है. घर में पानी भर गया है. पशुओं को रोड पर रखना पड़ रहा है. प्रशानस की ओर से कोई नहीं आया है."- रौशन कुमार,बाढ़ पीड़ित

इन पंचायतों पर भी असर:मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव रोशन ने सोमवार को खड़गपुर प्रखंड प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बाढ़ प्रभावित अग्रहन,नाकि,बहीरा और तेलियाडीह (चार) पंचायतों का दौरा किया. तेलियाडीह पंचायत के कृष्णानगर गांव में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच बरसाती तिरपाल का वितरण किया गया. वहीं निरीक्षण के क्रम में एसडीएम ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.

"गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से कृष्णानगर में समस्या है. एक परिवार प्रभावित हुआ है. आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जो भी सुविधा है वो मुहैया करवा दी गई है. हम लगातार दौरा कर रहे हैं. प्लास्टिक की पन्नी दी गई है. चंदा देवी आठ महीने की गर्भवती हैं उन्हें मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया है. हम आगे भी यहां आते रहेंगे."- प्रियंका कुमारी,बीडीओ,हवेली खड़गपुर

बाढ़ पीड़ितों से एसडीएम ने की बात:वहीं एसडीएम ने तेलियाडीह पंचायत के कृष्णानगर गांव के बाढ़ प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना. एसडीएम ने बताया कि गंगा नदी के जलस्तर में विगत कुछ दिनों से वृद्धि के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

30 से 40 परिवार प्रभावित: सोमवार को प्रखंड पदाधिकारियों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने यहां पहुंचे हैं. तेलियाडीह पंचायत के कृष्णानगर गांव के लगभग 30 से 40 परिवार जो पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित है उन्हें आश्रय स्थल देने को सबसे पहले प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने बताया कि इस वक्त बाढ़ प्रभावित परिवारों का घर पानी से भर गया है, इसलिए उन्हें आश्रय देने की व्यवस्था की जाएगी.

लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश: मौके पर उपस्थित खड़गपुर अंचलाधिकारी संतोष कुमार सिंह,खड़गपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रियंका कुमारी को उन्होंने निर्देश देते हुए बाढ़ प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों के तहत पंचायत भवन,स्कूल आदि जगहों पर रखने की दिशा में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

"बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. अभी बाढ़ प्रभावित परिवारों का आश्रय पानी से भर गया है. पहले उनको आश्रय देने को प्राथमिकता दी जा रही है. जिला प्रशासन द्वारा जल्द ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सोमवार से ही नाव की व्यवस्था की जाएगी. साथ ही जिले में बाढ़ आने की स्थिति पर हर तरह की व्यवस्था की तैयारी पूरी कर ली गई है."-राजीव रौशन,एसडीएम,हवेली खड़गपुर

फसल बर्बाद..मवेशियों का बुरा हाल: विदित हो कि 2 दिन से गंगा नदी में पानी का बहाव तेज हो गया है. इसीलिए जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए व्यवस्थाएं की जा रही है. गंगा नदी के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि से अबतक सैकड़ों एकड़ जमीन में लगी फसल को बाढ़ ने अपने जद में ले लिया है. लगातार जलस्तर बढ़ने से लोगो मे भय का माहौल उत्पन्न हो गया है. लोग अपने मवेशियों को बरियारपुर खड़गपुर मुख्य सकड़ पर लाकर खड़ा करने पर मजबूर हो गए हैं.

"धीरे-धीरे पानी का स्तर बढ़ रहा है. हमें जहां-जहां से जानकारी आ रही है कि घर में पानी आ रहा है तो हम तुरंत मुहैया करने पहुंच रहे हैं. राहत लाभ दिया जा रहा है. अगर कोई गर्भवती महिला है तो उनको मेडिकल अटेंशन दिया जा रहा है."- संतोष कुमार सिंह,सीओ,हवेली खड़गपुर

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Last Updated : Aug 12, 2024, 7:02 PM IST

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