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'2 किलो चूड़ा और आधा किलो गुड़ से क्या होगा?', बाढ़ पीड़ितों ने MP-MLA को राशन के साथ लौटाया - Flood In Bettiah - FLOOD IN BETTIAH

बेतिया में बाढ़ ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. ऐसे में 5 दिनों बाद राशन लेकर पहुंचे सांसद और विधायक का जमकर विरोध हुआ.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 5, 2024, 8:31 AM IST

बेतियाःबिहार के बेतिया में बाढ़ पीड़ितों के लिए राशन लेकर पहुंचे विधायक और सांसद को विरोध का सामना करना पड़ा. बेतिया सांसद डॉ. संजय जयसवाल व नौतन विधायक नारायण प्रसाद ने बैरिया में बाढ़ पीड़ितों के बीच डुमरिया ढाल के पास चंपारण तटबंध पर सूखा राशन वितरण करने गए थे. नाराज बाढ़ पीड़ितों ने सांसद व विधायक द्वारा भेजे गए राशन को लेने से इनकार कर दिया.

5 दिन बाद दर्शन दिए नेता जीः नाराज बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि पांच रोज से हम लोगों के घर में पानी घुसा है. घर का सारा सामान पानी में खराब हो गया. 5 दिनों से हम लोगों के खाने पीने के लाले पड़े हुए हैं. हमारे सगे संबंधी खाना बनाकर ला रहें हैं तो हम खा रहें हैं. पांच दिन बाद सांसद व विधायक को हमारी याद आ रही हैं.

बेतिया में विरोध जताते लोग (ETV Bharat)

2 किलो चूड़ा से क्या होगा? लोगों ने आरोप लगाया है कि सांसद व विधायक खानापूर्ति के लिए 2 किलो चूड़ा और आधा किलो गुड भेज कर हमें चिढ़ा रहे हैं. हर साल बाढ़ तबाही लेकर आती है लेकिन इनके द्वारा बाढ़ का स्थाई निदान हमारे लिए कभी नहीं किया गया. हमारी सारी फसले नष्ट हो गई. घर का सारा समान बर्बाद हो गया. पानी के कारण घर गिर रहे हैं. हम लोग बांध पर शरण लिए हुए हैं. लेकिन इनके द्वारा एक तिरपाल की व्यवस्था तक नहीं हो पा रही हैं.

"2 किलो चूड़ा और गुड़ से क्या होगा. घर में 10- 10 लोग हैं. ऊपर से पहले आधार कार्ड दिखाओ. लोगों ने कहा कि संसद व विधायक को यहां नाव की व्यवस्था करनी चाहिए. सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करनी चाहिए. तिरपाल की व्यवस्था करनी चाहिए. जिस थैली में राशन भेजा गया है उस पर पार्टी का प्रचार किया जा रहा है. फोटो लगाकर अपनी तस्वीर चमकाई जा रही है."-बाढ़ पीड़ित

बेतिया में विरोध जताते लोग (ETV Bharat)

बैरिया प्रखंड में तबाहीःबता दें कि गंडक बराज से छोड़े गए पानी ने बैरिया प्रखंड में तबाही मचा दिया है. बैरिया के कई गांव बाढ़ की चपेट में है. लोग चंपारण तटबंध पर शरण लेकर गुजर बसर कर रहे हैं. बाढ़ ने इतनी तबाही मचा दी है कि घर में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया है. छोटे-छोटे बच्चों के साथ बाढ़ पीड़ित रात में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित स्थाई निदान चाहते हैं.

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