पटना: बिहार विधान परिषद के चुनाव के लिए महागठबंधन के प्रत्याशियों ने एक साथ नामांकन दाखिल कर दिया. इस दौरान नेताओं में गजब का उत्साह देखने को मिला. प्रत्याशियों ने पार्टी शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद किया. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी परिषद के लिए नामांकन कराया. उसके बाद अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी पर्चा दाखिल किया. डॉक्टर उर्मिला ठाकुर और सैयद फैसल ने भी राजद के सिंबल पर नामांकन कराया. वहीं सीपीआई एमएल की ओर से एकमात्र प्रत्याशी शशि यादव ने भी पर्चा दाखिल किया. इस बार महागठबंधन के 5 उम्मीदवारों ने नामांकन कराया है.
महागठबंधन के 5 प्रत्याशियों ने किया नामांकन: इस बार 17 विधायक (19 विधायक जिसमें दो बागी) वाली कांग्रेस पार्टी की ओर से परिषद का कोई भी कैंडिडेट नहीं था. 4 उम्मीदवार आरजेडी से और एक सीपीआई एमएल का प्रत्याशी था. मीडिया को संबोधित करते हुए अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि एक बार फिर उच्च सदन में जाने का मौका देने के लिए लालू जी और राबड़ी देवी का धन्यवाद है. उन्होंने कहा कि वह हमेशा की तरह इस बार भी पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे बखूबी निभाते रहेंगे.
कैंडिडेट्स ने जताया आभार: वहीं उर्मिला ठाकुर ने पार्टी द्वारा विधान परिषद भेजे जाने पर पार्टी का आभार जताया. उर्मिला ठाकुर ने कहा कि 2024 के चुनाव में केंद्र की सरकार की नीतियों के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक वह आवाज बुलंद करेंगे. सैयद फैसल अली ने कहा कि ''तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा चलाए गए अभियान को वह आगे बढ़ने का काम करेंगे.''
'जनता की आवाज बनेंगे' : CPI ML की MLC उम्मीदवार शशि यादव ने कहा कि ''हम पार्टी के शुक्रगुजार हैं जिसने मुझे उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरीके से सड़क पर मैं आंदोलन में हिस्सा लेती रही हूं. निश्चित तौर पर विधान परिषद के अंदर भी मैं जनता के हितों को लेकर और पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर मैं अपनी धारदार आवाज से सरकार को जगाती रहूंगी.''
कौन हैं राबड़ी देवी: राबड़ी देवी 25 जुलाई 1997 को बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, जब उनके पति लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के आरोपों में उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट के बाद इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह 2005 तक राज्य की मुख्यमंत्री रही रहीं. 2012 से लगातार राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद की सदस्य रही हैं.
अब्दुल बारी सिद्दीकी : अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत जय प्रकाश नारायण के सानिध्य में किया था. उनके बारे में कहा जाता है कि वह जेपी के सबसे चहेते शिष्यों में से एक थे. पहली बार उन्होंने साल 1977 में जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर दरभंगा की बहेड़ा सीट से विधानसभा चुनाव जीता था. इस चुनाव में सिद्दीकी ने कांग्रेस के हरिनाथ मिश्र को शिकस्त दी थी. सिद्दीकी को कर्पूरी ठाकुर की सरकार में संसदीय कार्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अब्दुल बारी सिद्दीकी 1992 में बिहार विधान परिषद के सदस्य चुने गए थे. इसके बाद वह 1995, 2000, 2005, 2010, 2015 में वह बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए.
उर्मिला ठाकुर: बेगूसराय की रहने वाली उर्मिला ठाकुर राष्ट्रीय जनता दल की पूर्व में प्रदेश महिला अध्यक्ष रह चुकी हैं. नाई जाति से आने वाली उर्मिला ठाकुर आरजेडी में वर्षों से सक्रिय राजनीति करती आई हैं.
सैयद फैसल अली : पेशे से पत्रकार रह चुके सैयद फैसल अली राजद के नेता हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में वह राजद की टिकट पर शिवहर से चुनाव लड़ चुके हैं. बीजेपी की संसद रामदेवी ने उन्हें 2019 लोकसभा चुनाव में हराया था.
शशि यादव : शशि यादव भाकपा माले की वरिष्ठ नेत्री हैं. शशि यादव इपोव की राष्ट्रीय महासचिव हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रह चुकी हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के संजीव चौरसिया से हार का सामना करना पड़ा था. नामांकन पत्र दाखिल करते समय राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, राजद की राज्यसभा सांसद मीसा भारती, तेज प्रताप यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान सहित राजद और वामपंथी दलों के अनेक विधायक मौजूद रहे.
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